एसएनई न्यूज़.शंघाई।
सिर से लेकर पैर तक सूट में ढका एक छोटा सा बच्चा अस्पताल के कॉरिडोर से गुजरता है तो हर कोई उसे देखने लगता है। चार साल का ये बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित है। ये बच्चा अकेले ही क्वारंटीन से अस्पताल तक पहुंचता है। दरअसल, एक वीडियो में नजर आने वाला ये बच्चा लोगों को भावुक कर रहा है। साथ ही चीन की सख्त नीति पर भी सवाल उठा रहा है।
ये वीडियो इन दिनों तीन में खूब चर्चा में है। इसका कैप्शन कहता है- चार साल का ये बच्चा कोरोना से पीड़ित है। वीडियो चीन के शहर पुतियन के अस्पताल का है जहां हाल ही में डेल्टा वैरियंट के मामले सामने आने लगे हैं। चीन का ये बच्चा अचानक सभी की नजरों में आ गया है।
ये वीडियो बताता है कि चीन की जीरो कोविड नीति किस कदर महंगी साबित हो रही है, हालांकि इसने देश को कोरोना के संक्रमण से बचाकर भी रखा है। यहां पूरी तरह लॉकडाउन लगा है और रोजाना हजारों लोगों के फिर से टेस्ट हो रहे हैं। संक्रमित लोगों को उनके परिजनों से दूर आइसोलेशन में रखा जा रहा है।
गुरुवार को पुतियन प्रशासन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चीन की कोरोना नीति कि भी संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह आइसोलेशन में रखती है। लेकिन अगर किसी बच्चे के साथ माता-पिता भी संक्रमति हों तो उन्हें एक ही वार्ड में रखने की कोशिश होती है।
शुरुआत में कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए कुछ बच्चों को टेस्ट में नेगेटिव पाए जाने के बावजूद क्वारंटीन कर दिया गया था। बाद में इस नीति में ढील दी गई और 14 साल से कम उम्र के बच्चों को क्वारंटीन में उनके माता-पिता के साथ रहने की इजाजत दी गई। लेकिन संक्रमित बच्चों के लिए नियम पहले जैसे ही रहे।
अस्पताल की नर्स झू जांकिंग कहती हैं कि जब उन्होंने एंबुलेंस से बच्चों को उतरते देखा तो उनकी आंखें भीग गई। सभी बच्चे सूट पहने हुए थे। वे लोग देरी से पहुंचे थे क्योंकि एक बच्चा अपने मां-बाप को छोड़ना नहीं चाहता था। एंबुलेंस में बैठने से पहले वो दो घंटे तक रोता रहा।
झू कहती हैं- पहुंचने के बाद इन बच्चों का सीटी स्कैन किया गया, कुछ बच्चे तो इतने छोटे थे कि उन्हें सहारा देकर टेबर पर चढ़ाया गया। इन बच्चों को बिना अभिभावकों के यहां देखना दिल तोड़ देने वाला अनुभव था।
चीन के ट्वीटर जैसे प्लेटफॉर्म वीबो पर लोग इसे लेकर भावुक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
एक यूजर ने कहा- इसने मेरा दिल तोड़ दिया है। दूसरे यूजर ने कहा- मेरी आंखें रो रही हैं। अधिकतर यूजर्स कह रहे हैं कि आखिर इन्हें अपने माता-पिता के साथ आने-जाने क्यों नहीं दिया जा रहा है।