यूक्रेन के हालात दयनीय….बमबारी में पिस रहे पंजाबी स्टूडेंट आंखों मे बचे सिर्फ आंसू

लाइव होकर भारत-यूक्रेन सरकार से सुरक्षित ठिकाने पहुंचाने के लिए लगा रहे गुहार

नितिन धवन /विशाल आंनद/ दिल्ली/यूक्रेन।

यूक्रेन-रुस के बीच चल रहे युद्व की वजह से सबसे अधिक परेशानियां भारत के पंजाबी स्टूडेंट को उठानी पड़ रही है। यूक्रेन हालात इतने दयनीय हो चुके है कि वर्तमान सरकार ने अपने हाथ खड़े करते हुए युद्व प्रभावित क्षेत्र से सभी को यहां से खाली करने का निर्देश जारी कर दिए गए। इसका सबसे अधिक प्रतिकुल असर पंजाबी स्टूडैंट को उठाना पड़ रहा है। आनन-फानन में किसी प्रकार का संरक्षण का जुगाड़ नहीं होने की वजह से उनके आंखों में सिर्फ तो सिर्फ आंसू शेष रह चुके है।

सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव होकर यूक्रेन तथा भारतीय सरकार से उन्हें सुरक्षित जगह पर छोड़ने के लिए गुहार लगा रहे है। जबकि, इस पूरे मामले को लेकर यूक्रेन सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए।एक अनुमान के मुताबिक, पंजाब से काफी संख्या में यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थी गए। इनमें बठिंडा, राजपुरा, लुधियाना, अमृतसर के स्टूडैंट के भारत में रहने वाले उनके स्वजन अपने बच्चों की सुकशल वापिसी के लिए सरकार से गुहार लगाने के साथ-साथ भगवान के समक्ष भी उनकी लंबी आयु की मनोकामना मांग रहे है।

फिलहाल, जिस प्रकार की परिस्थितियां बन चुकी है, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में हालात अधिक बिगड़ने वाले है। यूक्रेन से लुधियाना के समराला के रहने वाले स्टूडेंट बलविंदर सिंह ने लाइव होकर कहा कि यहां की परिस्थितियां काफी खराब है। लगातार रुस की तरफ से बमबारी की जा रही है। हर जगह आग का धुंआ ही नजर आ रहा है। यूक्रेन सरकार ने पूर्व में ही एमरजेंसी लगा रखी है। खाना-पीना बंद हो चुका है। पुराना स्टाक समाप्त हो गया। कमरे में दब चुके है। सरकार ने हाथ खड़े करते हुए, उन्हें किसी जानकार के यहां सुरक्षित स्थान जाने के लिए बोल दिया गया।

परिवहन सुविधा ठप्प होने की वजह से अन्य स्थान पर जाना, उनके लिए किसी जोखिम से कम नहीं है। राजपुरा के त्रिलोक, अमृतसर की आकृति शर्मा, अर्पणप्रती कौर, जानवी शर्मा जैसे कई स्टूडैंट इस युद्द की वजह से फंस चुके है। सरकार से भारत वापिसी के लिए गुहार लगा रहें हैं।   

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