वीरेंद्र सिंह तुंग.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
विश्व के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा बन चुका हैं। कोविड-19 (कोरोना वायरस) चीन द्वारा निर्मित किया गया। पहले खुद के देश में लाखों की जान चली गई। धीरे-धीरे पूरे विश्व को इस खतरनाक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। बीमारी से राहत के लिए लॉकडाउन से लेकर टीका का आविष्कार हुआ। अब चूंकि, इस पर काफी हद तक रोकथाम कर लिया गया। लेकिन, चीन से फिर एक बहुत बुरी तथा डरावनी खबर सामने आई। वहां पर कोरोना-2 जैसी बीमारी ने फिर से दस्तक दे दी। इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा बच्चों को पैदा हो रहा हैं। बताया जा रहा है कि लाखों की संख्या में बच्चें बीमार पड़ गए। नाक में सांस नली के बीच सूजन महसूस की जा रही हैं। अस्पताल में दाखिला के लिए जगह तक कम पड़ चुकी हैं। इस बीमारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कड़ी चिंता जताई। एक विशेष टीम चीन के लिए कभी जा सकती हैं। पता लगाएंगी कि इस बीमारी के पीछे क्या बड़ा कारण हैं।
फिलहाल, चीन के हालात काफी भयावह है। देश में लॉकडाउन जैसी स्थिति बन चुकी हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 10 हजार के पार बीमार बच्चों को दाखिल किया जा रहा हैं। उनके नाक में सांस नली की सूजन हो रही हैं। स्वास्थ्य वैज्ञानिकों ने काफी खोज उपरांत पता लगाया है कि यह बीमारी कोरोना-2 हैं। इससे सबसे अधिक प्रभाव बच्चों को पड़ रहा हैं। सरकार ने नई एडवाइजरी जारी करते हुए बच्चों के माता-पिता को कहा गया कि इनका खास ध्यान रखा जाए। बाहर बिल्कुल नहीं निकाला जाए। अगर बच्चे को किसी प्रकार से कोई तकलीफ महसूस हों तो तत्काल अस्पताल पहुंच जाए।