वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक प्रस्ताव दौरान कहा है कि फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाया जाना चाहिए। इसमें सिफारिश की गई कि सुरक्षा परिषद इस मामले पर पुनर्विचार करे। 193 सदस्यीय महासभा एक आपातकालीन विशेष सत्र के लिए बैठक की। इस दौरान अरब देशों की ओर से फिलिस्तीन के समर्थन में ‘संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश’ प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव के पक्ष में 143 मत पड़े। जबकि 9 ने विरोध में वोट किए। वहीं, 25 ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। वोट डालने के बाद यूएनजीए हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
यह बात कहीं
प्रस्ताव में कहा गया था कि फलस्तीन संयुक्त राष्ट्र में सदस्य बनने के योग्य है और उसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद-4 के अनुसार शामिल किया जाना चाहिए। भारत पहले गैर-अरब देश था जिसने 1974 में फिलिस्तीनी लोगों के एकमात्र और वैध प्रतिनिधि के रूप में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) को मान्यता दी थी। साल 1988 में फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाले देशों में से भारत एक था।