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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही अदालत द्वारा ट्रंप को लेकर कोई फैसला लिया जाए। अगर चुनाव के दिन से सात 7 सप्ताह पहले, 18 सितंबर को ट्रंप को सजा सुनाई गई तो यह चुनाव में हस्तक्षेप के बराबर होगा।
ट्रंप के वकील, टॉड ब्लांश और एमिल बोवे ने लिखा कि फैसले में देरी होने की वजह से ट्रंप को यह तय करने का समय भी मिलेगा कि आगे क्या कदम उठाए जाने हैं। न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन द्वारा 16 सितंबर को वकीलों की एक याचिका पर फैसला सुनाया जाएगा। याचिका में वकीलों ने अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट के जुलाई के राष्ट्रपति सुरक्षा नियम का हवाला दिया। याचिका में मामले को खारिज करने की मांग की गई है।
इससे पहले मर्चन ने बचाव पक्ष की इस मांग को ठुकरा दिया था कि वे मामले से अलग हो जाएं। वकीलों ने आगे तर्क दिया न्यायाधीश की बेटी डेमोक्रेटिक पार्टी की राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम करती हैं। आपको बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी में कमला हैरिस भी शामिल हैं, जो अब ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं हैं।
रिकॉर्ड में हेरफेर करने का दोषी ठहराया
आपको बता दें कि ट्रंप को वर्ष 2016 के मई महीने में एक समझौते को छुपाने के लिए अपने व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेरफेर करने का दोषी ठहराया गया है। आरोप है कि उन्होंने एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से संबंध बनाए थे। इसके बाद स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। आरोप लगाया गया है कि ट्रंप ने ऐसा इसलिए किया, ताकि मतदाताओं तक उनकी आपत्तिजनक कहानियां ना पहुंचें। उधर ट्रंप का कहना है कि उनके खिलाफ गढ़ी गई सभी कहानियां झूठी हैं।