एसएनई न्यूज़.फाजिल्का।
देश की सुरक्षा में चौबीस घंटे सीमा पर तैनात रहने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान हमेशा ही अपनी जान हथेली पर रखकर देश के प्रति बलिदान देने के लिए समर्पित रहते है। इनका देश के प्रति जज्बा हर किसी को कायल करता है। फिरोजपुर के अबोहर सेक्टर में कार्यरत एक जवान ने अपने अन्य दो जवान की जान बचाकर इस बात का प्रमाण दिया। बहादुर जवान की इस बहादुरी के साहस को देखते हुए, उसे देश के राष्ट्रपति ने जीवन रक्षक पदक से नवाजा गया है।
वर्ष 2019 में अबोहर सीमा पर तैनात छुआनवामा अपनी ड्यूटी दे रहा था। ऊपर से निकल रही एचटी इलेक्ट्रॉनिक बिजली तार के झटके ने सतपाल, सेवक तथा राम सेवक को अपनी चपेट में ले लिया। करंट लगने से वे लोग जमीन पर गिर गए तथा पूर्ण रूप से बेहोश थे। छुआनवामा ने सीपीआर की मदद से सतपाल, सेवक तथा रामसेवक को होश में लाया गया।
सभी को फाजिल्का के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें राम-सेवक की हालत गंभीर होने की वजह से चिकित्सा बचा नहीं सकें। जबकि, अन्य दो को कुछ दिन के उपरांत हालत में सुधार होने की वजह से अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। गांव दिनथर, जिला-आइजोल, मिजोरम के रहने वाले छुआनवामा के साहसिक कार्य तथा बहादुरी को देखते हुए विभाग ने अपने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इस उपरांत सुरक्षा मंत्रालय ने छुआनवामा को राष्ट्रपति से जीवन रक्षा पदक के लिए नाम तय किया।