नितिन धवन.कादियां /गुरदासपुर।
कादियां के वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को जमात अहमदिया से जुड़े विद्वान जगत के लोग शामिल हुए। दुनिया भर में अहमदिया मुस्लिम जमात के प्रमुख हजरत मिर्जा मसरूर अहमद अबा का रिकॉर्ड संबोधन दर्शकों के सामने रखा गया। इसमें इमाम जमात अहमदिया ने कहा,जलसा का उद्देश्य प्रतिभागियों में आध्यात्मिक वातावरण में समय व्यतीत करते हुए तकवा (धार्मिकता) को बढ़ाना है। यदि ऐसा नहीं है तो जलसा का आयोजन व्यर्थ है। मनुष्य को एक अनुस्मारक की आवश्यकता है।
प्रत्येक वर्ष एक जल्सा धारण करना और तीन दिन धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण में बिताना, अपने भाइयों और बहनों से मिलना और अच्छे और पवित्र विचारों का आदान-प्रदान करना, यह एक आध्यात्मिक और धार्मिक कायाकल्प बनाता है। मुझे आशा है कि आपने जलसा के इन दिनों को पूरा करके बिताया है। ”
हजरत मिर्जा मसरूर अहमद ने आगे कहा:-
हमारे शब्द केवल शब्द न हों, बल्कि दुनिया इस बात की गवाही दे कि अहमदी मुसलमान जो करते हैं और जो कहते हैं वह पूर्ण सामंजस्य है।दुनिया यह घोषणा करे कि अल्लाह सभी अहमदी मुसलमानों के दिलों में अन्य सभी चीजों से पहले स्थान रखता है और ये वे लोग हैं जो सर्वशक्तिमान अल्लाह की आज्ञाओं का पालन करते है। यहां ये मामले दूसरों को इस्लाम की वास्तविकता और सच्चाई प्रदर्शित करेंगे, वे हमारे अपने घरों में भी शांति और सद्भाव स्थापित करेंगे और हमारी आने वाली पीढ़ियों और उनके बाद की रक्षा करेंगे।
आज के सत्र में “परमेश्वर अपने धर्मी सेवकों की प्रार्थना कैसे सुनता है” विषय पर भाषण दिया गया।