EXCLUSIVE REPORT–एक नंबर का रिश्वतखोर था रीडर……..पत्रकारों को झूठा फंसाने में दिखाता था धौंस, अधिकारियों के साथ था अच्छा तालमेल….विजिलेंस ने पकड़ा ऐसे

वरिष्ठ पत्रकार.गुरदासपुर।

पकड़ा गया एसपी का रीडर एक नंबर का भ्रष्टाचारी निकला। गुरप्रताप हमेशा ही पत्रकारों को झूठा फंसाने में धौंस जमाता था। पता चला है कि उसका पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ अच्छा तालमेल था। विजिलेंस ने एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर रंगे हाथ रिश्वत लेते मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से रिश्वत के 5 हजार भी बरामद कर लिए। जांच में कई अहम सबूत विजिलेंस के हाथ लगने की बात सामने आ रही है। पता चला है कि रिश्वतखोरी का धंधा काफी लंबे समय से चल रहा था। बड़े बड़े अधिकारी उस पर मेहरबान थे तथा उस पर आज तक कोई भी आंच भी नहीं आने दी गई। विभाग में फिलहाल सहायक इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था। सूत्रों से पता चला है कि एक अन्य मामले में उसने एक चिकित्सक से लाखों रुपए रिश्वत लेकर जांच रिपोर्ट उसके पक्ष में करने का भी आरोप लगा था। लेकिन, किसी अधिकारी ने इस मामले पर कोई गौर नहीं किया था। क्योंकि, उक्त रिश्वत की रकम सभी में बांटी गई थी। 

जानकारी के अनुसार, एसपी रैंक के अधिकारी का रीडर आरंभिक दौर में रिश्वत लेता था। रिश्वत लेने तथा झूठी रिपोर्ट को सच में परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाता रहा। उसने कई ऐसे मामले थे, जिसमें रिश्वत लेकर गलत रिपोर्ट को सही बना दिया। उसकी रिश्वत का बड़े बड़े अधिकारी भी हिस्सा हुआ करते रहे। ब्यूरो इस बात का पता लगा रही है कि कथित अपराधी ने कितने लोगों से रिश्वत ले चुका है। पैसा किन-किन के पास देता रहा है। उन सब के बारे जानकारी जुटाई जा रही है। क्योंकि, इस मामले को जांच टीम ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्हें जांच दौरान इस बात का भी पता चला है कि उसके तार कईयों के साथ जुड़े है। 

पत्रकारों को दिखाता था धौंस

अगर किसी पत्रकार को झूठे केस में फंसाना होता था तो इसके पास कई प्रकार के तरीके थे। वे अन्य पार्टी से रिश्वत लेकर पत्रकारों को झूठा फंसा देता था। कई बार ऐसे मामले सामने आए। उन सब मामलों को लेकर ब्यूरो काफी गंभीरता से जांच करने में जुट चुकी है। बड़ा खुलासा होने का दावा किया जा रहा है। 

यह था पूरा मामला

पता चला है कि कथित अपराधी गुरप्रताप सिंह ने शिकायतकर्ता की रिपोर्ट उसके समर्थन तथा जल्द बनाने के रुप में 10 हजार रिश्वत की मांग की थी। पहली किस्त पर 5 हजार ले चुका था। फिर शिकायतकर्ता अन्य पैसे मांगने के लिए तंग परेशान करने लग पड़ा। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत दी। टीम ने पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। जब शिकायतकर्ता 5 हजार रिश्वत देने के लिए आया तो टीम ने कथित अपराधी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी 2 सरकारी गवाहों की उपस्थिति में हुई। 

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