अब देखना होगा मजीठिया को मिलेगी जमानत या फिर होगी रद्द
एसएनई न्यूज़.मोहाली।
छह हजार करोड़ ड्रग्स मामले में फंसे पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया के अधिवक्ता टीम ने वीरवार को मोहाली जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। उनका तर्क था कि उनके मुक्विकल मजीठिया को राज्य सरकार ने राजनीतिक मंशा के तहत फंसाया है। विधानसभा चुनाव निकट है, इसलिए सरकार इस बात का राजनीति फायदा लेनी चाहती है। फिलहाल, अदालत ने इस मामले पर बहस की तारीख सुरक्षित रख दी। अब देखना होगा, अदालत से मजीठिया को जमानत मिलती है या फिर याचिका रद्द हो जाती है।
दरअसल, पूर्व मंत्री तथा मौजूदा शिअद विधायक बिक्रम मजीठिया के खिलाफ सोमवार की देर सायं एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस एक्ट के अधीन मोहाली थाना में मामला दर्ज किया। मंगलवार को राज्य सरकार के निर्देश पर पंजाब पुलिस निदेशक ने विशेष जांच दल का गठन किया। उसके बाद टीम ने मजीठिया की गिरफ्तारी के लिए, उनके अमृतसर, चंडीगढ़ आवास पर दबिश दी, जबकि मजीठिया का वहां पर कोई सुराग नहीं लगा।
शिअद के संयोजक सुखबीर सिंह बादल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पहले से ही राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा चुके है कि उनके वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया को जानबूझकर चुनाव से पहले राजनीतिक मंशा के तहत फंसाया गया। साढ़े साल तक पंजाब के जितने पुलिस निदेशक रहें, उन्होंने साफ तौर पर सरकार को कह दिया था कि मजीठिया के खिलाफ किसी प्रकार से प्रमाण , उनके पास नहीं है, इसलिए किसी हद तक गिरफ्तारी जायज नहीं होगी।
इन राज्यों में दबिश जारी
पुलिस की विशेष जांच दल टीम के सूत्रों से पता चला है कि दो दिन में उनकी टीम ने पंजाब के अलावा, राजस्थान, हिमाचल-प्रदेश, उत्तर प्रदेश के ,संभावित जगहों पर दबिश दी। जबकि, उक्त टीम के हाथ कुछ हासिल नहीं हुआ। टीम ने मजीठिया का फोन नंबर ट्रेप पर लगा दिया है, जबकि जानकारी के मुताबिक, उनका फोन नंबर मंगलवार से ही बंद आ रहा है। पुलिस मान कर चल रही है कि उन्हें जल्द बड़ी सफलता हासिल हो सकती है।
लुक आउट नोटिस जारी, हवाई-अड्डा भेजी पहचान के दस्तावेज
पता चला है कि मजीठिया के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया। देश के सभी हवाई-अड्डा में मजीठिया के खिलाफ पहचान से संबंधित कुछ दस्तावेज भेजे गए। फिलहाल, इसके आधार पर कोई पुख्ता जानकारी हासिल नहीं हुई।
आशंका, इस बात की जताई जा रही थी कि मजीठिया शायद विदेश भाग सकते है, जबकि अभी तक इस बारे कोई प्रमाण सामने नहीं आए।
क्या लगे थे आरोप
पंजाब विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान ड्रग्स बेचने वालों को अपने अमृतसर, चंडीगढ़ आवास में संरक्षण देते रहे है। इतना ही नहीं, उनके पैसे को फाइनेंस करने की बात भी सामने आई। राजनीतिक फायदा लेकर , उन्हें अपनी गाड़ियों में बैठाकर सुरक्षित पहुंचाया जाता रहा है।
इससे पूर्व अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते कहा था कि रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पूर्व , जिसके खिलाफ आरोप है, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। इसके बाद सरकार हरकत में आई तथा मजीठिया के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया।