.किस देश ने समलैंगिक विवाह को दी अनुमति…….कितने साल लड़ाई लड़ने के बाद आया यह फैसला..जानिए, खास रिपोर्ट में….?

वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क। 

थाईलैंड में अब समलैंगिक जोड़े विवाह कर सकते हैं। गुरुवार को थाईलैंड में समलैंगिक विवाह समानता कानून को मान्यता दे दी गई। जिसके बाद थाईलैंड ऐसा करने वाला दक्षिण पूर्व एशिया का पहला देश बन गया है। इसके अलावा, एशिया में ऐसा करने वाला नेपाल और ताइवान के बाद तीसरा देश बन गया है।


इस कानून को मान्यता देने के बाद अब 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी जोड़ा वहां विवाह कर सकता है। इसे LGBTQ+ समुदाय के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। इस समुदाय ने समान विवाह अधिकारों की वकालत करते हुए एक दशक से अधिक समय की लड़ाई लड़ी है। यह कानून थाईलैंड में समलैंगिक जोड़ों को कानूनी रूप से अपने विवाह को पंजीकृत करने का अधिकार प्रदान करता है। इसके अलावा, उन्हें कानूनी, वित्तीय और चिकित्सा अधिकार के अधिकार के साथ ही गोद लेने और विरासत के अधिकार भी प्रदान करता है।

कितने देशों में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिल चुकी है?


थाईलैंड को छोड़कर दुनिया में अभी 33 ऐसे देश हैं, जहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी मिली हुई है। हालांकि, ज्यादातर देशों में अदालत के फैसले के बाद ही समलैंगिकों को ये अधिकार मिला। समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला सबसे पहला देश नीदरलैंड बना। इसके अलावा ऑस्ट्रिया, ताइवान, कोलंबिया, अमेरिका, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, क्यूबा, डेनमार्क, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, माल्टा, फिनलैंड, ब्रिटेन जैसे देशों में भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी मिली हुई है।


कितने देशों में समलैंगिकता अवैध है?


एक रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम पांच अन्य देशों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और मॉरिटानिया में शरिया अदालतों के तहत समलैंगिक संबंधों पर मौत की सजा तक दी जा सकती है। ईरान,  सोमालिया और उत्तरी नाइजीरिया के कुछ हिस्सों में भी यही बात लागू होती है। वहीं 71 देशों में समान-लिंग संबंध अप्राकृतिक संबंध कानूनों के तहत विभिन्न प्रकार के अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन सभी में देशों में समलैंगिक संबंधों पर जेल की सजा हो सकती है।

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