एसएनई न्यूज़.शंघाई।ईरान के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने पर इस गुट का अमेरिका विरोधी रुख और मुखर होने की संभावना है। साथ ही विश्लेषकों का अनुमान है कि एससीओ की पूर्ण सदस्यता से मध्य एशिया में ईरान का प्रभाव बढ़ेगा। अफगानिस्तान की घटनाओं को प्रभावित करने की उसकी क्षमता भी बढ़ने का अनुमान है।
ईरान को पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ में शामिल करने का एलान शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किया। एससीओ की शिखर बैठक को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए शी ने कहा- ‘आज हम ईरान को एससीओ के सदस्य के रूप में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। साथ ही सऊदी अरब, मिस्र और कतर को डायलॉग पार्टनर के रूप में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।’ शी ने भरोसा जताया कि ‘एससीओ परिवार में वृद्धि विश्व शांति, वैश्विक विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा में मददगार’ साबित होगी।
ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और उसके साथी देशों ने सख्त प्रतिबंध लगा रखे हैं। 2005 में वह एससीओ में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ था। तब से वह इस संगठन की पूर्ण सदस्यता पाने की कोशिश में था। दुशांबे में संगठन की हुई शिखर बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी शामिल हुए हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद एससीओ की ये पहली शिखर बैठक है।