वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
वरुण घोष ऑस्ट्रेलियाई संसद के पहले भारतीय सिनेटर होने का सौभाग्य हासिल किया। 17 वर्ष की आयु में माता-पिता के साथ ऑस्ट्रेलिया बस गए थे। पेशे से वह अधिवक्ता है। पढ़ाई ऑस्ट्रेलिया में की। इस अवसर प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री ने उन्हें बधाई की। पश्चिम ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए एक मजबूत आवाज होने का दावा किया गया। घोष ने बताया कि उनकी प्राथमिकता हर वर्ग को शिक्षा उपलब्ध कराना रहेंगी। बताया जा रहा है कि उन्होंने शपथ श्रीमद्भागवत गीता पर हाथ रखकर ली। लेबर पार्टी की तरफ से घोष सीनेटर नियुक्त हुए। बताया जा रहा है कि वरुण घोष के सीनेट में चयनित उपरांत बड़ी संख्या में बधाइयों का तांता लग गया । ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भी वरुण घोष को शुभकामनाएं दी। सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है, टीम में आपका होना शानदार है।
बताया जाता है कि सीनेटर वरुण घोष पर्थ में पेशे से एक वकील हैं। उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय से कला और कानून में डिग्री प्राप्त की। पहले न्यूयॉर्क में वित्त वकील के रूप में और वाशिंगटन, डीसी में विश्व बैंक के लिए एक सलाहकार के रूप में काम किया था। वरुण घोष का राजनीतिक यात्रा पर्थ में ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी में शामिल होने से हुई। स्कूली पढ़ाई क्राइस्ट चर्च ग्रामर में की।