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खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा दायर किया है। इस मामले में एक अमेरिकी कोर्ट ने समन भी जारी किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा- कट्टरपंथी समूह सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख पन्नू की तरफ से दायर मुकदमे पूरी तरह से अनुचित और निराधार हैं।
विक्रम मिसरी ने मीडिया से कहा, जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं। मैं केवल आपका ध्यान इस विशेष मामले के पीछे के व्यक्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास अच्छी तरह से जाना जाता है। बता दें कि आतंकी पन्नू ने भारत सरकार, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल और निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर किया था आरोप लगाया था कि उन्होंने अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम किया था। इस मामले में निखिल गुप्ता को जून में चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था और वह पहली बार मैनहट्टन फेडरल अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स कॉट के समक्ष पेश हुए थे और उसने आरोपों में खुद को निर्दोष बताया है।
पन्नू ने लगाए ये आरोप
17 सितंबर को दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार ने निखिल गुप्ता को उनकी हत्या के लिए न्यूयॉर्क में एक हत्यारे को काम पर रखने के लिए नियुक्त किया था। 28 पन्नों की शिकायत में कनाडा में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत का भी जिक्र है। इसमें दावा किया गया है कि इन प्रयासों की देखरेख विक्रम यादव ने की थी, जिनका नाम मुकदमे में है और जिन्हें भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में वरिष्ठ खुफिया अधिकारी बताया गया है। उन्हें R&AW के प्रमुख सामंत और डोभाल ने मंजूरी दी थी।