INTERNATIONAL–कंगाल हुआ ‘PAK’……….पेट्रोल-डीजल,रसोई गैस के दाम ने आवाम की फिर से तोड़ी कमर…..सिलेंडर हुआ 12,500 रु, रोटी के पड़े लाले

अंतरराष्ट्रीय डेस्क.लाहौर।  

आर्थिक मंदी की मार झेल रहा पाकिस्तान ने अब इसका बोझ आम-जनता पर डालने का काम शुरु कर दिया। नई नियुक्त सरकार ने पेट्रोल-डीजल तथा रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए। अब पेट्रोल की नई कीमत 275 तथा डीजल 387 रुपए प्रति-लीटर तथा एक गैस सिलेंडर की कीमत 12,500 हो चुकी है। आम-जनता महंगाई से परेशान है। नई सरकार से महंगाई पर काबू पाने के लिए अपील कर रहे हैं। इसके पीछे का कारण पाकिस्तान का पड़ोसी देश भारत के साथ व्यापारिक संबंध अच्छे नहीं होने की बात अहम मानी जा रही है। अगर फिर से पाकिस्तान भारत के साथ अपने अच्छे संबंध सुधार लेता है तो वह महंगाई में नियंत्रित करने में कामयाब हो सकती है। क्योंकि, भारत उसकी कई महत्वपूर्ण जरूरत को पूरा कर सकता है। आतंकवाद जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान भारत को हमेशा ही भरोसे में लेने में नाकाम रहा है। 

सरहद पार से नशा तथा आतंक भारत की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाने में कई प्रयास कर चुका है। भारत की सीमा सुरक्षा बल तथा केंद्रीय एजेंसी ने पाक के नापाक मंसूबों को भारत ने नाकाम ही किया। कई बार पाकिस्तान के साथ वार्ता दौरान इस मुद्दे को लेकर पूरे प्रमाणिक सहित उठाया गया। लेकिन, पाक ने अपनी गलती को कभी माना ही नहीं है। इसलिए, भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ लिए है। व्यापार किसी अन्य देश के माध्यम से हो रहा है। चीज काफी महंगे दाम पर पाकिस्तान को मिल पाती है। आम-जनता पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं हो पाता है। हालांकि, पाकिस्तान की आवाम भारत के साथ रिश्ते कायम करने के लिए कई बार पाकिस्तान सरकार से गुहार लगा चुका है। लेकिन, समय-समय की पाकिस्तान देश की सेना के फैसले की वजह से कुछ भी नहीं कर पाती है। 

इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि पाकिस्तान के पिछले कई आम-चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी को पूर्ण बहुमत ही नहीं मिल पाया। ऐसे में सेना के बिना कोई पार्टी पाकिस्तान में सरकार ही नहीं बना पाती। पिछली, इमरान सरकार को पाकिस्तान आर्मी का समर्थन मिलने के उपरांत सत्ता में आने का अवसर मिला था। सेना के प्रमुख सेवानिवृत होने के उपरांत नए सेना प्रमुख ने इमरान सरकार का तख्तापलट कर दिया इमरान सहित कई मंत्रियों पर केस डाल कर जेल में डाल दिया गया। 

इस बार के चुनाव में इमरान की तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी जीत दर्ज कर पहला स्थान हासिल किया। लेकिन, बहुमत का आंकड़ा बिल्कुल ही नहीं पार कर पाई।  इस बीच नवाज-शरीफ तथा बिलावल भुट्टो का देश की सत्ता में बैठने के लिए समझौता हो गया। प्रधानमंत्री पद को लेकर नवाज शरीफ तथा बिलावल भुट्टो ने दूरी बना ली तथा किसी नए चेहरे को उक्त सीट पर बैठाया गया। बताया जा रहा है कि सत्ता की भागदौड़ के लिए सेना ने शरीफ की पार्टी को समर्थन दिया। लेकिन, महंगाई ने फिर से आम-जनता की कमर तोड़ कर रख दी। 

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