एसएनई नेटवर्क.अंतरराष्ट्रीय डेस्क।
अभी-अभी भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से बहुत बुरी खबर सामने आई। प्रतिबंधित छात्र संगठन के 2 नेता लोग ने बड़ी हिंसा को अंजाम देने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाने की बात सामने आ रही है। इस बारे एक शीर्ष अधिकारी ने भी पुष्टि कर दी।

उधर, प्रधानमंत्री हसीना ने सरकारी नेशनल ऑर्थोपेडिक अस्पताल का दौरा कर हिंसा में घायलों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह देशवासियों से जानना चाहती हैं कि अब इस हिंसा में हताहत हुए और बड़े पैमाने पर हुए विनाश की जिम्मेदारी कौन लेगा। सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने उनके हवाले से कहा, उन्होंने सवाल किया कि उनकी गलती क्या थी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वह लोगों की किस्मत बदलने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा- मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं।
गिरफ्तारियों के बारे में जानकारी देते हुए देश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने पत्रकारों से कहा- यह फैसला उनकी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। हमें उनसे पूछताछ करने और उन्हें धमकी देने वालों की पहचान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे।
विश्लेषकों ने इस पर कहा कि हिंसा को रोकने से सत्तारूढ़ अवामी लीग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ गुस्सा और असंतोष दूर नहीं हो सकता है, क्योंकि छात्रों की मांगों को गलत तरीके से संभाला गया, जिससे हताहत हुए, जिनमें से अधिकांश छात्र थे। स्थानीय सूत्र के अनुसार- मृतकों का अभी तक सटीक आंकड़ा नहीं मिला है, लेकिन संबंधित अधिकारी हिंसा के दौरान हताहत हुए लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं।