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पहले आरक्षण को लेकर हिंसा, फिर सरकार विरोधी प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता के बाद अब बांग्लादेश में प्रकृति का कहर देखने को मिल रहा है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिनकी देश में राजनीतिक स्थिरता को कायम करना प्रमुख प्राथमिकता थी, लेकिन प्रकृति के तांडव ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है।
अंतरिम सरकार की तरफ से जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार देश में बाढ़ से अब तक 59 लोगों, जिसमें 6 महिलाएं और 12 बच्चे शामिल है, की मौत हो चुकी है। जबकि इस विनाशकारी बाढ़ की वजह से 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्रालय ने बाढ़ की स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा कि सबसे अधिक मौतें कुमिला और फेनी जिलों में हुई हैं, जो कि भारत के पूर्वोत्तर भाग में त्रिपुरा की सीमा से सटे हैं, जहां क्रमशः 14 और 23 लोगों की मौत हुई है।
आश्रय केंद्र में रह रहे हैं करीब 4 लाख लोग
आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार 54 लाख 57 हजार 702 लोग 11 जिलों के 504 संघों और नगर पालिकाओं में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। करीब सात लाख लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं, जबकि करीब चार लाख लोग 3,928 आश्रय केंद्रों में रह रहे हैं। वहीं कुल 36,139 मवेशियों को भी आश्रय दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हो रहा है, लोग घर लौट रहे हैं, जबकि बाढ़ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था सामान्य हो गई है।