WORLD…यहां पर भारतीयों को बना रखा था बंधुआ मजदूर….. यह था वो ‘OPERATION’, जिसे चलाकर एक-एक की बचा ली जिंदगी

वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क। 

10 भारतीय निर्माण मजदूरों को इस्राइली अधिकारियों ने रातों रात बचाव अभियान चलाकर मुक्त कराया। पता चला है कि इन्हें फलस्तीनी समूहों ने नौकरी का झांसा देकर एक अल-जायेम नामक गांव में बुलाया। यहां पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें बंधक बना लिया गया। इस्राइली जनसंख्या और आप्रवासन प्राधिकरण ने बताया कि अपहरणकर्ता इनके पासपोर्ट का इस्तेमाल इस्राइल में अवैध प्रवेश के लिए कर रहे थे।


..ऐसे हुआ खुलासा


इजरायल सुरक्षा बल (आईडीएफ), न्याय मंत्रालय और आप्रवासन प्राधिकरण की ओर से रातों रात चलाए गए संयुक्त अभियान में मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया। अधिकारियों ने कहा कि संदिग्धों को चेक पोस्ट पर रोके जाने के बाद मजदूरों के पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल और मजदूरों की लोकेशन बारे में जानकारी मिली। ये सभी कामगार अब सुरक्षित स्थान पर हैं और उनके रोजगार की स्थिति की जांच चल रही है।

विद्रोही समूहों ने निशाना बनाया


हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद इजरायल ने फिलिस्तीनी निर्माण मजदूरों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस कमी को पूरा करने के लिए इस्राइल ने पिछले एक साल में करीब 16,000 भारतीय मजदूरों को निर्माण कार्यों में काम करने के लिए बुलाया है। इनमें से कुछ को विद्रोही समूहों ने निशाना बनाया। वे उनका इस्तेमाल अवैध तरीके से इजराइल में घुसपैठ करने के लिए कर रहे हैं। फलस्तीनी समूह भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल चेकपोस्ट को आसानी से पार करने के लिए कर रहे थे। आईडीएफ ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार कर पासपोर्ट जब्त किए, जिनकी जांच के बाद मजदूरों की लोकेशन का पता चला।

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