सुनील सेन.फाजिल्का ।
बाल मजदूरी समाज के निर्माण में किसी अभिशाप से कम नहीं है।सरकार ने बाल मजदूरी को रोकने के सख्त आदेश दिए हैं,लेकिन कुछ कमजोर अधिकारियों के कारण आज सरकार की यह मुहिम बेकार जा रही है। बाल मजदूरी को लेकर हमारी टीम ने मैदान में जाकर इसकी जानकारी जुटाई तो जिले में कई जगहों पर बिना किसी डर के बाल मजदूरी की जा रही थी गांव रामकोट से लिंक रोड स्थित विजय कुमार ब्रिक्स मिल में करीब 5 बाल मजदूर काम कर रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने माता-पिता के साथ ईंटें बना रहे हैं, तो जब बच्चों के माता-पिता से पूछा गया कि क्या भट्ठों के मालिक बाल श्रम को रोकते हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कभी किसी ने बताया नहीं कि मजदूरी करना कानूनन अपराध है। भट्ठे के मालिक विजय कुमार से किया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह खुद बाल मजदूरी के खिलाफ हैं।

संपर्क करने के बावजूद अधिकारी नहीं आए हरकत में
हमारे संवाददाता ने मौके पर टीम भेजने के लिए विभाग की जिला अधिकारी मैडम रितु से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे बैठक में हैं, आप इंस्पेक्टर से बात करें, वे टीम के साथ मौके पर पहुंचेंगे। उधर, जिला पदाधिकारी ने फोन बंद कर दिया.।घटना के 3 घंटे बाद जिला पदाधिकारी ने फोन उठाया तो उन्होंने कहा, टीम मौके पर पहुंच रही हैं, लेकिन अधिकारी नहीं अपनी टीम सहित पहुंचे। इससे साफ साबित हो जाता है कि सरकारी बाबुओं की नाक तले गैर-कानूनी तरीके से काम चल रहे हैं।
बड़ा सवाल, क्यों नहीं हुई बड़ी कार्रवाई
प्रमाण से लेकर मामला ध्यान में लाने के बावजूद सरकारी अमला, इसके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाया। एक प्रकार से संबंधित विभाग तथा स्थानीय प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है। मीडिया टीम ने उन्हें, इस पूरे घटनाक्रम का एक-एक सबूत दे दिया। फिर भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे अधिकारी। मालूम हुआ है कि यहां पर लंबे समय से बाल मजदूरी का कृत्रिम चल रहा है। कई बार शिकायतें भी आ चुकी है, लेकिन उन पर आज तक अमल नहीं हुआ। सिर्फ तो सिर्फ आश्वासन ही मिला।