डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनाने गई दिव्यांग अधिवक्ता को दो लोगों के सहारे जाना पड़ा दूसरी मंजिल…एसएमओ का कोरा जवाब…सर्टिफिकेट बनाना मेरा काम नहीं
बार एसोसिएशन की चेतावनी…अगर एसएमओ बर्खास्त नहीं किए गए तो कड़ा संघर्ष किया जाएगा
अनिल सहदेव.नितिन धवन. बटाला (गुरदासपुर)।

इंसानियत शर्मसार होने की बात पंजाब प्रांत के जिला गुरदासपुर की तहसील बटाला में सामने आई। बटाला सिविल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) पर संगीन आरोप लगे हैं। मामला एक दिव्यांग अधिवक्ता के साथ जुड़ा है। दिव्यांग अधिवक्ता का आरोप है कि उसे डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनाने के लिए अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय दो लोगों का सहारा लेकर जाना पड़ा। ऊपर से एसएमओ ने कोरा जवाब देते कहा कि यह मेरा काम नहीं है। मामला बार एसोसिएशन बटाला के पास पहुंचा तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए एसएमओ बटाला को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर डाली। चेतावनी देते कहा कि अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो कड़ा संघर्ष किया जाएगा। मामला तीन दिन पुराना बताया जा रहा है।
बटाला की दिव्यांग अधिवक्ता मेहताब कौर एक अच्छे अधिवक्ताओं की संख्या में शुमार करती है। शारीरिक तौर पर बचपन से ही दिव्यांग है। जज्बा तथा जिंदगी में कुछ करने की समर्थता ने उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया। परिवार तथा उनके सहयोगियों का भरपूर साथ है। उनके मुताबिक, तीन दिन पहले वह अपने पिता के साथ डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सिविल अस्पताल बटाला गई। उन्हें मालूम था कि सर्टिफिकेट एसएमओ कार्यालय बनता है। कार्यालय दूसरी मंजिल पर स्थित है। कार्यालय जाने के लिए दिव्यांगों की कोई सुविधा नहीं है।
ऊपर जाने के लिए वह बिल्कुल असमर्थ थी। फिर भी पिता तथा एक अन्य के सहारे बड़े मुश्किल से एसएमओ कार्यालय पहुंच गई। काफी समय कार्यालय समक्ष इंतजार करना पड़ा। जब उन्हें एसएमओ से मुलाकात करने का समय मिला तो उन्होंने यह कह कर साफ तौर पर कोरा जवाब दे दिया कि दिव्यांगों का डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट यहां नहीं बनता है। ऊपर से उनके साथ बदसलूकी करने के एसएमओ पर संगीन आरोप लगे।
मेहताब कौर चुप नहीं बैठने वाली थी। लोगों के लिए सच्चाई की लड़ाई लड़ने वाली अधिवक्ता मेहताब कौर ने इस मसले को गंभीरता से बार एसोसिएशन के समक्ष उठाया। उन्होंने इस मसले को लेकर रणनीति तैयार की। इसमें फैसला किया गया कि एसएमओ को तत्काल बर्खास्त किया जाए। क्योंकि, एसएमओ ने कोई छोटी-मोटी गलती नहीं की। यह गलती भूल कर माफ करने योग्य नहीं है। चेतावनी दी कि अगर सिविल सर्जन कार्यालय ने जल्द एसएमओ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं की तो वह मेहताब कौर के समर्थन में बड़ा संघर्ष करेगे।
आरोप बेबुनियाद…जारी कर दिया गया सर्टिफिकेट
इस बाबत सिविल अस्पताल बटाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को सिरे नकार दिया। कहा कि उन्होंने बिल्कुल ऐसा नहीं किया। महिला अधिवक्ता का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। जानबूझकर, उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। जिसमें , उनका लेन देन ही नहीं है। ईमानदारी से वह सदैव अपनी ड्यूटी निभाते है।