गुरदासपुर ब्रेकिंग….डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने से मरीज की रुकी धड़कन, मौत…..सरकारी स्कूल की थी अध्यापिका, परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ किया हंगामा, मौके पर पहुंची पुलिस…. डॉक्टर बाप-बेटा गिरफ्तार, तीसरा  डॉक्टर मौके से फरार 

संगीन आरोप…डॉक्टर की बड़ी लापरवाही की वजह से गई अध्यापिका की जान…एनेस्थीसिया का इंजेक्शन बिना विशेषज्ञ से लगाया गया

मृतक अध्यापिका थी पथरी के रोग से पीड़ित…..ऑपरेशन से पहले रोगी ने तोड़ दिया दम

वरिष्ठ पत्रकार.विजय शर्मा. गुरदासपुर।

एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही की वजह से सरकारी स्कूल की अध्यापिका की मौत हो गई। वाक्य मंगलवार की देर रात का बताया जा रहा हैं। मरने वाली पहचान प्रीमलजीत कौर निवासी जिला गुरदासपुर के तौर पर हुई। शव पुलिस ने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। मृतक अध्यापिका के पिता अजीत सिंह के बयान पर अस्पताल के डॉक्टर हरभजन सिंह, मंजीत सिंह बब्बर सहित कुल 3 डॉक्टरों के खिलाफ थाना सिटी में मामला दर्ज कर लिया गया। प्रमुख डॉक्टर हरभजन सिंह एवं बेटे डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि, तीसरा डॉक्टर मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि अस्पताल में काफी देर तक हंगामा भी हुआ। पुलिस की कार्रवाई करने के उपरांत मामला शांत हो गया। 

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि एनेस्थीसिया का इंजेक्शन विशेषज्ञ के बिना ही ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने ही रोगी प्रीमलजीत कौर को दे दिया। इसके बाद रोगी की धड़कन रुक गई। मौके पर ही , उसकी मौत हो गई। रोगी का निजी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन था। इससे पूर्व सभी प्रकार की रिपोर्ट बिल्कुल आम आई थी। लेकिन, डॉक्टर ने इन आरोपों को सिरे नकारते कहा कि रोगी की एकदम धड़कन रुकने की वजह से मौत हुई। इसमें उनका या फिर अस्पताल का कसूर नहीं था। हमने तथा स्टाफ ने रोगी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। एनेस्थीसिया का इंजेक्शन एक एमडी डॉक्टर लगा सकता हैं। इसमें किसी प्रकार से कोई बड़ा ऐतराज नहीं हैं। 

बेटी की मौत के लिए  डॉक्टर जिम्मेदार

मृतक अध्यापिका के पिता अजीत सिंह ने बताया कि उनकी बेटी की मौत के लिए साफ तौर पर अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर जिम्मेदार हैं। उनकी लापरवाही की वजह से ही उनकी बेटी की मौत हुई। बेटी को पथरी की शिकायत थी। उक्त, अस्पताल में आज ऑपरेशन था। पूर्व में इस रोग से संबंधित प्रत्येक टेस्ट अस्पताल में हुआ। रिपोर्ट में सब कुछ सही था। किसी प्रकार से घबराने की बात भी सामने नहीं आई। डॉक्टर , उसे देर सायं ओटी लेकर गए। इंजेक्शन देने के उपरांत उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर का तर्क था कि धड़कन कम होने की वजह से मौत हुई। डॉक्टर ने अपनी लापरवाही छुपाने की वजह से उनसे सरासर झूठ बोला, हम बिल्कुल माफ नहीं करेंगे। जब तक अस्पताल का लाइसेंस रद्द नहीं हो जाता, तब तक वह हर कानूनी प्रक्रिया के तहत अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। 

मामला दर्ज…दो गिरफ्तारी, एक फरार

थाना सिटी के प्रभारी एसएचओ गुरमीत सिंह ने बताया कि मृतक के पिता के बयान पर 3 डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 2 बाप-बेटा डॉक्टर, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि, एक डॉक्टर मंजीत सिंह बब्बर अभी तक फरार हैं। दावा किया कि जल्द, उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएंगा। पीड़ित परिवार को पूरा इंसाफ दिलाया जाएंगा। 

100% LikesVS
0% Dislikes