वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.गुरदासपुर।
एक समुदाय की लड़कियों को बिना महिला पुलिस रात में थाने में रखने का मामला मंगलवार को तूल पकड़ गया। दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर इस समुदाय के लोगों ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया। इसके विरोध में दूसरे समुदाय के लोग भी सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। पुलिस ने सूझबूझ से स्थिति को संभाला। पूरा मामला धार्मिक प्रचार के विवाद से जुड़ा है।
थाना सिटी गुरदासपुर के बाहर मंगलवार सुबह मसीह भाईचारे से संबंधित कुछ लोगों ने थाने का घेराव कर बाहर धरना लगा दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि कुछ शरारती तत्वों और पुलिस कर्मचारियों ने मसीह भाईचारे से संबंधित लड़कियों से दुर्व्यवहार किया है। अंकुर नरूला मिनिस्ट्री के पंजाब महासचिव पवन कुमार ने बताया कि गुरदासपुर में हर महीने 18 और 21 तारीख को अंकुर नरूला का कार्यक्रम होता है।
उनके भाईचारे से संबंधित लड़के व लड़कियां अलग-अलग जगहों पर जाकर प्रभु की बंदगी का प्रचार करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोमवार को भी लड़के व लड़कियां प्रचार करने बहरामपुर रोड पर गए थे। कुछ शरारती तत्वों ने उन्हें अपने घर बुलाकर दुर्व्यवहार किया, जिससे उनकी आस्था को ठेस पहुंची है। इसके अलावा धार्मिक पोस्टर फाड़कर बेअदबी की गई है।
पुलिस ने लड़कियों को बिना महिला पुलिस गिरफ्तार कर घंटों थाने में बिठाकर रखा। इस कारण उन्हें धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रदर्शनकारी आरोपी पुलिस अधिकारी व शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। वहीं, अश्वनी कुमार निवासी बहरामपुर रोड ने बताया कि उनकी ओर से थाना सिटी गुरदासपुर में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उक्त संस्थान के लोग उनके मोहल्ले में आए और प्रचार के जरिये धर्म परिवर्तन पर जोर डाल रहे थे।
इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाए कि उक्त समुदाय दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। इसके बाद शहर के विभिन्न संगठन एकत्र हो गए और धरना उठाने का मांग करने लगे। मामले को गरमाता देख एसपी हेडक्वार्टर नवजोत सिंह सिद्धू मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत करवाने का प्रयास किया। तब जाकर दोनों समुदाय शांत हुए।
मामले की तह तक पहुंचा जाएगा: एसएसपी
एसएसपी दीपक हिलेरी ने बताया कि दोनों समुदायों की शिकायत पुलिस के पास हैं। बारीकी से जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस कानून के हिसाब से चलती है और किसी के दबाव में काम नहीं करती। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस के समक्ष जो पहले तथ्य पेश हुए है उनके आधार पर जांच-पड़ताल जारी है।