गंभीर घायल दोनों सगे भाई….कई हिस्सों की टूटी हड्डियां…प्राथमिक जांच में पुलिस की आई बड़ी गलती सामने
अनिल सहदेव.नितिन धवन.बटाला (गुरदासपुर)।

यहां की स्थानीय खाकी की बड़ी लापरवाही सामने आई। बुधवार की देर रात पुलिस की गाड़ी ने दो बाइक सवार सगे भाईयों को रौंद डाला। 15 हजार रुपए लेकर घायल युवकों को मामला दबाने के पुलिस पर संगीन आरोप लगे है। फिलहाल, पुलिस ने इसे सिरे से नकार दिया। घायल हरजोत सिंह, सतपाल सिंह अमरपुरा के रहने वाले है। सड़क दुर्घटना आरएल बावा कॉलेज के पास की बताई जा रही है। घायलों के शरीर की कई हिस्सों से हड्डियां टूट गई। प्राथमिक जांच में पुलिस की बड़ी गलती सामने आ रही है। घायलों का इलाज यहां के स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
सूचना मिलने पर संबंधित क्षेत्र के थाना के अंतर्गत चौकी के पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे। बताया जा रहा है कि पुलिस ने घायलों के बयान दर्ज कर लिए। हादसा किस वजह तथा किस गाड़ी ने किया, इस बारे जांच अधिकारी ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। कुल मिलाकर इस बात का संकेत मिल रहा है कि पुलिस अपनी गलती छुपाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है। जबकि, घायलों के समर्थन में आम जनता उतर आई है। एक प्रत्याशी इस हादसे का साक्षी है, उसने साफ तौर पर मीडिया के समक्ष बयान दिया कि पुलिस की कार काफी तेज गति से थी। काफी लापरवाही से पुलिस चालक दौड़ा रहा था। बाइक सवार ने मुड़ने से पूर्व बाइक का इंडिकेटर दिया था। आरोप लगे है कि पुलिस ने घायलों की कोई मदद नहीं की। उलटा, उनकी गलती निकालनी शुरु कर दी। बताया जा रहा है कि कार में एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी उपस्थित था।
सूचना पाने पर कंट्रोल रूम के माध्यम से भेजी गई पीसीआर पुलिस टीम दुर्घटना स्थल पहुंची। लोग इकट्ठा हुए तो घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई।
घर से निकले थे जरुरी काम के लिए…नहीं पता था हो जाए का हादसा
घायल हरजोत सिंह ने बताया कि वह घर से दोनों भाई बस स्टैंड के पास किसी जरुरी काम के लिए निकले थे। अक्सर बाइक को कानूनी नियमों तथा काफी संयम के साथ ड्राइविंग करते है। इस बार भी वे लोग अपनी बाइक को काफी माध्यम गति से चला रहे थे। मुड़ने के दौरान बाइक का इंडिकेटर दिया गया। लेकिन, सामने से इतनी तेज पुलिस की कार आई। उन्हें बुरी तरह से रौंद दिया। वह दर्द से चिल्लाते रहें, जबकि, पुलिस तमाशा देखती रही। लोग इकट्ठा हुए तो फिर जाकर एंबुलेंस को फोन किया गया। उन्होंने मांग की कि चूंकि कानून सबके लिए एक सम्मान है, इसलिए इस मामले में सही जांच-पड़ताल कर आरोप साबित होने वालों के खिलाफ कानून के तहत ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
कुछ सवाल होते है खड़े
1) पुलिस अपनी गलती को क्यों छुपा रही है। इस बात के बारे सोचना चाहिए कि वह पहले नागरिक है। एक सच्चे नागरिक की भांति, उन्हें घायलों को अस्पताल पहुंचाना चाहिए था, ना कि, देर करनी चाहिए थी।
2) अगर गलती हो ही गई है, तो उसे मान लेने से पीछे क्यों हट रही है। इससे एक बात साबित हो जाती है कि पुलिस अपनी खाकी पर मान महसूस कर रही है।
3) बड़ा सवाल, संबंधित थाना के पुलिस अधिकारी क्या अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए पुलिस कार चालक के खिलाफ क्या बिना संकोच कानूनी कार्रवाई करेगा, या फिर किसी दबाव के नीचे आकर मामले को दबा लिया जाएगा।
4) कानून के मुताबिक, अगर किसी वाहन की लापरवाही की वजह से सड़क दुर्घटना होती है तो पुलिस वाहन को लेती है तथा कार चालक को हिरासत में ले लेती है तथा रैश ड्राइविंग चलाने के तहत मामला दर्ज कर दिया जाता है। क्या , इस मामले में यह सब कुछ होगा।
5) मामला सभी पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है , अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है।