पगार में कटौती होती रही ईपीएफ की, जबकि, पूर्व कर्मचारियों ने मांगा अपना बकाया, तो स्कूल प्रबंधन ने खड़े कर दिए हाथ
आक्रोशित कर्मचारी प्रबंधन के खिलाफ उतरे सड़क पर, कहा–जब तक उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक जारी रहेगा संघर्ष
नितिन धवन.बटाला (गुरदासपुर)।

बटाला से एक बड़ी खबर सामने आई हैं। देश की सबसे बड़ी शिक्षण संस्थान की बटाला शाखा पर संगीन आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाले स्कूल के पूर्व कर्मचारी एवं वर्तमान में काम करने वाले कर्मचारी हैं। इनमें पूर्व कर्मचारी सुखदेव सिंह ने साफतौर पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ ईपीएफ में बड़े घोटाले की आशंका जताई हैं। उन्होंने अपने आरोप में कहा कि स्कूल प्रबंधन की तरफ उनकी पगार में प्रतिमाह ईपीएफ फंड कटौती होता रहा हैं। पूर्व कर्मचारियों ने अपने कार्यकाल के समाप्त होने पर बकाया मांग तो सरकार प्रबंधन ने अपने हाथ खड़े कर दिया। इस बात के उनके पास प्रमाण भी हैं। विभाग ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए। उधर, स्कूल प्रिंसीपल ने इन सभी आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। आक्रोशित कर्मचारी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। चेतावनी दी है कि जब तक उनका हक नहीं मिल जाता है, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
देश के सर्वोच्च शिक्षण संस्थान में एक संस्थान की पंजाब की बटाला शहर की शाखा पर एक घोटाले के बादल छाने लगे हैं। वहां के पूर्व कर्मचारियों एवं वर्तमान कर्मचारियों ने ईपीएफ में बड़े स्तर पर हेराफेरी करने के संगीन आरोप लगाए हैं। इन कर्मचारियों का नेतृत्व स्कूल के ही पूर्व निदेशक ऑफ फिजिकल एजुकेशन (डीपीई) सुखदेव सिंह कर रहे हैं। उनके साथ एक दर्जन के ऊपर कर्मचारी इस विरोध में शामिल हो गए हैं। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि स्कूल ने वर्ष 1987 में अपने स्कूल के कर्मचारियों का ईपीएफ का खाता खुलवाया। सब का प्रतिमाह पगार से फंड कटता रहा। कई वर्ष इसकी कटौती हुई। जब कुछ कर्मचारी पिछले समय सेवानिवृत हुए तो उन्होंने अपना फंड मांगा तो स्कूल प्रबंधन ने अपने हाथ खड़े कर दिए।
इस संबंध में विभाग को एक पत्र पूरे साक्ष्य सहित भेजा गया। विभाग ने उस पत्र के आधार पर जांच के आदेश दे दिए। जांच अधिकारी बटाला से हैं। उन्होंने अपनी जांच प्रक्रिया का दायरा बढ़ाते हुए स्कूल से सारा रिकार्ड मंगवा लिया है। लेकिन, जानकारी इस बात की भी मिल रही है कि नोटिस जारी होने के उपरांत भी स्कूल अब तक अपना रिकार्ड पेश नहीं कर पाया। यह दलील दी जा रही है कि पुराना रिकॉर्ड है, इसलिए थोड़ा समय चाहिए। इससे एक बात साफ हो जाती है कि इसके पीछे कोई न कोई वजह है या फिर तथ्यों को छिपाया जा रहा हैं।

जांच में बड़ा घोटाला आ सकता सामने
विभाग की विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में बड़ा घोटाला सामने आ सकता हैं। विभाग की जांच कमेटी के पास कुछ तथ्य भी हाथ लगें हैं। जिसके आधार पर इस बात की पुष्टि हो जाती है कि इस फंड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ हैं। इतना ही नहीं, इसमें कई लोग भी शामिल थे। पता चला है कि इन सबको विभाग कुछ समय तक एक-एक करके नोटिस भेजने वाला हैं। इन सब को जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा तथा उनसे हर बात के सवाल पूछे जाएगे।
क्या था पूरा मामला..जानिए, इस रिपोर्ट…?
दरअसल, वर्ष 2007 में इस स्कूल ने डीपीई के पद पर सुखदेव सिंह को रखा गया। उन्हें प्रतिमाह कम पगार मिलती रही। इसके लिए उन्होंने स्कूल प्रबंधन से अनुरोध किया कि उनकी प्रतिमाह पगार बढ़ाई जाए। उन्हें किसी नोटिस के बिना ही स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उल्टा, उन्हें बकाया तक नहीं दिया। उन्होंने अपनी लड़ाई कानूनी तरीके से लड़ी। स्कूल को उनके बकाया देने का आदेश मिला। बकाया में कुछ हिस्सा , उन्हें दे दिया गया। जबकि, कुछ फंड यानी ईपीएफ को नहीं दिया गया। इस बात को लेकर उन्होंने अपने साथियों के साथ बात की। जिन्होंने रिकार्ड किसी तरीके से निकाला। रिकार्ड में पता चला कि स्कूल ने उनके फंड में कटौती की, जबकि, उन्हें गुमराह किया। उन्होंने सवाल उठाए कि उनके फंड कहां गए, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने हरीश कुमार को निकाल दिया। इन सब ने ईपीएफ को पत्र लिखकर जांच के लिए मांग की।
सीएम से करेंगे मुलाकात
इन कर्मचारियों ने बताया कि वह जल्द ही इस मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करने वाले हैं। उन्हें लिखित तौर पर स्कूल के खिलाफ शिकायत की जाएगी। इतना ही नहीं, इस शिकायत में स्कूल के खिलाफ प्रमाण भी पेश किए जाएगे। दिल्ली प्रबंधन कमेटी को भी एक पत्र भेज दिया गया हैं। उनसे मांग की कि गई है कि इस मामले में जांच कराई जाए जिस-जिस के खिलाफ आरोप साबित होते है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
आरोप बेबुनियाद, रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है
स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल के खिलाफ जो भी आरोप लगाए जा रहे है, वे सब बेबुनियाद है। फिलहाल, मुझे कुछ समय जहां पर ड्यूटी करते हुआ है। इस संबंधी रिकार्ड का पता लगाया जा रहा हैं। विभाग द्वारा रिकॉर्ड मांगने की बात को प्रिंसीपल ने स्वीकारी हैं। उन्होंने कहा कि वह हर जांच के लिए तैयार हैं।
जांच चल रही हैं
विभाग के इंस्पेक्टर रिषी शर्मा ने बताया कि स्कूल के खिलाफ जांच चल रही हैं। उन्हें मई में नोटिस भेज दिया गया था। रिकॉर्ड की मांग की गई थी। स्कूल ने विभाग से कुछ समय मांगा है। रिकॉर्ड के आधार पर गहनता से छानबीन की जाएगी। आरोप साबित होने पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा। फिलहाल, घोटाला है या नहीं बिना जांच से कुछ भी नहीं कहा जा सकता हैं। सांकेतिक तस्वीर