एसएनई नेटवर्क.बटाला गुरदासपुर।
नौकरी का झांसा देकर 14.30 लाख की ठगी का मामला सामने आया। मामला एक हाई-प्रोफाइल राजनीति से जुड़ा हुआ बताया जा रहा हैं। इस मामले को लेकर खबर रोकने के लिए दबाव डालने की कोशिश भी हुई। पुलिस ने घर्मपुरा कॉलोनी की गली नंबर-4, जोड़ा फाटक , जिला अमृतसर के रहने वाले पंकज भंडारी के बयान पर थाना सिटी में धोखाधड़ी करने के आरोप में धीरा मोहल्ला के रहने वाले नितिन अरोड़ा, भंडारी मोहल्ला के रहने वाले ललित शर्मा के खिलाफ धारा-420 )धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने कथित अपराधियों की गिरफ्तारियों के लिए छापेमारी शुरू कर दी।
शिकायत-कर्ता पंकज भंडारी के एफआईआर में दर्ज मुताबिक, उनकी एक बेटी है। बेटी ने 12वीं कक्षा कर चुकी है। सीए का एग्जाम पहली ही कोशिश में पास कर लिया गया। बेटी के उज्जवल भविष्य को लेकर उसकी मुलाकात नितिन अरोड़ा नामक शख्स से हुई। उसने बताया कि चंडीगढ़ तक बड़े-बड़े बाबुओं में उसकी जान-पहचान अच्छी हैं। बेटी को सरकारी नौकरी दिला देगा। कथित अपराधी ने नौकरी दिलाने के एवज में भारी भरकम रकम की मांग की गई। किश्तों में 14.30 लाख रुपए दिए गए। आरोप लगे कि इसमें ललित शर्मा ने भी उसके साथ लगभग दो लाख रुपए की ठगी मारी। मामला वर्ष 2010 का बताया जा रहा हैं।
असल जानकारी कथित अपराधियों के बारे शिकायतकर्ता को चली तो उसने अपने पैसे वापस मांग लिए। कथित अपराधियों ने पैसे देने का समय मांगा। पहली बार मामला वर्ष 2021 में पुलिस के पास पहुंचा। मामला एक राजनीति हाई-प्रोफाइल राजनीति से जुड़ा था। इस मामले को सुलझाने के लिए बड़े-बड़े नेता कूद पड़े। आखिरकार, शिकायतकर्ता को पैसे वापस नहीं मिल पाए। ऊपर से शिकायतकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज हो गया है, उसके बावजूद खबर रोकने के लिए दबाव डालने की कोशिश की गई।
बड़ा सवाल….शिकायतकर्ता ने किस आधार पर इतनी बड़ी रकम खर्च डाली
शिकायतकर्ता एक नामवर लेखाकार (अकाउंटेंट) बताया जा रहा है। उसके राजनीति के बड़े कद के नेताओं के साथ अच्छी जान पहचान हैं। उसके बावजूद, इस बात का पता नहीं चला कि उसने कैसे विश्वास कर इतनी बड़ी रकम कथित अपराधियों को दे डाली। इस मामले में पता चला है कि कथित अपराधियों से पैसे निकलवाने के लिए बड़े-बड़े राजनीतिक नेताओं फोन गया। पता चला है कि कथित अपराधी पोस्ट आफिस तथा एलआईसी का बड़ा एजेंट है।
एसएसपी-दो डीएसपी ने कथित अपराधियों से पैसे वापस लेने के किए कड़े प्रयास…लेकिन रहें विफल
इस मामले को एसएनई संवाददाता से पूरी तह तक जांच पड़ताल की तो एक बहुत बड़ी बात सामने आई। उसमें पता लगा कि जिला पुलिस के प्रमुख एसएसपी एवं दो डीएसपी रैंक के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच में कथित अपराधियों से पैसे वापस देने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए। कथित अपराधी मान भी गए कि वे सभी पैसों का भुगतान कर देगे। लेकिन अंतिम समय दोनों कथित अपराधी ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया। शिकायतकर्ता के बयान पर थाना सिटी ने कथित अपराधियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दिया।
बाद नहीं बनी तो निजी बैंक में अकाउंटेंट लगाने की फाइनल बात हुई
कथित अपराधियों ने शिकायतकर्ता की बेटी को सरकारी विभाग में अच्छी नौकरी दिलाने का भरोसा दिया। धीरे-धीरे शिकायतकर्ता से लाखों रुपए की रकम ऐंठ ली गई। जांच-पड़ताल में सामने आया कि पैसे नकदी के रूप में किस्त के हिसाब से लिए गए। जब, शिकायतकर्ता को कथित अपराधियों पर शक पैदा हुआ तो उन्होंने कहा कि बेटी को एक निजी बैंक में अकाउंटेंट की नौकरी दिला देते हैं, जबकि, शिकायतकर्ता ने कथित अपराधियों से अपने 14.30 लाख रुपए वापस मांग लिए। इसके बाद शिकायतकर्ता को करीब दो वर्ष तक तंग किया। इतना ही नहीं, धमकी तक भी दी गई।
जल्द गिरफ्त में होगो कथित अपराधी
पुलिस के मुताबिक, कथित अपराधियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया। दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम गठित की गई। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। किसी सूरत में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।