सरहद पार कर शमिला-कमल अब होगे एक….जालंधर में की जाएगी धूमधाम से शादी…दुल्हन ने जताया भारत सरकार एवं मीडिया का आभार

मकबूल अहमद.कादियां (गुरदासपुर)।

कहते हैं प्यार की कोई सीमा नहीं होती। जब दो दिल मिलते हैं तो सरहदें मायने नहीं रखतीं। यह तब सच हुआ जब मीडिया के प्रयासों की बदौलत लाहौर की एक ईसाई लड़की शमिला ने आज वाघा सीमा से जालंधर के एक हिंदू लड़के कमल कल्याण से शादी करने के लिए भारत में प्रवेश किया। उसके साथ उसके माता-पिता हैं। भारत पहुंचने के बाद, शमिला ने कहा कि वह भारत सरकार की आभारी हैं कि उसने भारत में उसकी शादी के लिए अपने माता-पिता के साथ वीजा जारी किया। 

उन्होंने कहा कि जालंधर निवासी कमल कल्याण का परिवार उनका रिश्तेदार था। 3 साल पहले दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। जब उन्होंने भारत में शादी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की तलाश शुरू की, तो उन्हें कादियां के एक पत्रकार चौधरी मकबूल अहमद की कहानी मिली, जिनकी शादी पाकिस्तान में हुई थी और शादी उस समय चर्चा में थी। चौधरी मकबूल के जरिए शमिला और कमल ने उनसे संपर्क किया था। 

इनकी भी की मदद

उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्होंने सियालकोट की किरण सुरजीत, कराची की सुमन, चीनोट की सफुरा और भारत की इकरा की भारत में शादी करवाने में मदद की थी. उन्होंने अपने मामले में भी काफी मदद की। उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप वह आज भारत पहुंची हैं। वहीं कमल कल्याण ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उनकी मंगेतर आज भारत पहुंच गई है। उनकी शादी की तैयारियां जोरों पर हैं। मेहंदी समारोह नौ जुलाई को होगा। और शादी 10 जुलाई की दोपहर जालंधर में होगी। 

मोटी रकम चुकानी पड़ी

अपनी शादी का बहुत सारा सामान पाकिस्तान से ला चुकीं शमीला को भी वाघा बॉर्डर पर मोटी रकम चुकानी पड़ी है। लेकिन वह खुश है कि लंबे इंतजार के बाद उसने अपने बॉयफ्रेंड को देखा है और वह शादी करने जा रही है।

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