वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.गुरदासपुर /चंडीगढ़।
शिवसेना बाला साहेब ठाकरे पंजाब प्रांतीय उपप्रमुख हरविंदर सोनी ने सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए गृह-मंत्रालय पर सवाल खड़े करते कहा कि गैंगस्टरों एवं आतंकियों की सूची में नाभा जेल ब्रेक कांड का कुख्यात आतंकी कश्मीरा सिंह का नाम शामिल क्यों नहीं किया गया। यह एक प्रकार से हैरान करने वाली बात है। इस मामले में केंद्र सरकार के गृह-मंत्रालय को जवाब देना होगा, क्योंकि 12 अप्रैल 2015 को इस आतंकी ने अपने साथियों सहित उन्हें दिनदहाड़े भून डाला था। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आतंकी कश्मीरा सिंह दो नंबर में विदेश चला गया था, वहां से भारत के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा हैं।
सोनी के आवास पर एक राज्य स्तरीय हुई बैठक में अपने साथियों को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के चुनिंदा पत्रकारों को संबोधित करते कहा कि बड़ी हैरान करने वाली बात है कि आज जो केंद्र के गृह-मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच ब्यूरो (एनआईए) ने जो सूची सौंपी हैं, उसमें भगौड़ा आतंकी कश्मीरा सिंह का नाम ही नहीं शामिल हैं। उस पर नाभा जेल ब्रेक कांड में आरोप लगे थे। तब वह जेल में बंद था। उस दौरान , अन्य आतंकी एवं गैंगस्टर अलग-अलग जगह से गिरफ्तार हो गए थे, जबकि, कश्मीरा सिंह वर्तमान समय में भगौड़ा चल रहा हैं। खुफिया सूत्रों ने उसके विदेश होने की पुष्टि की।
बैठक में उपस्थित जिलाध्यक्ष राजिंदर सहदेव, जिला उपप्रमुख रमन शर्मा आदि ने पुरज़ोर मांग की कि आतंकी कश्मीरा सिंह को भी मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल किया जाये तथा उसे जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करके इंद्रपाल और गुरजीत के खिलाफ गवाही दिलवाई जाये ताकि उन्हें इन्साफ मिल सके अन्यथा उन्हें गृह मंत्रालय के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करनी पड़ेगी।
इस मौके पर दीपक भगत,विजय कुमार, अमित भगत,राजकुमार शर्मा, रोहित महाजन, दिनेश शास्त्री, अनुभव सिन्हा आदि उपस्थित थे।
क्या था पूरा प्रकरण
12 अप्रैल 2015 को आतंकी कश्मीरा सिंह ने अपने साथियों इंद्रपाल सिंह तथा गुरजीत सिंह के सहयोग से शिवसेना बाला साहब ठाकरे पंजाब के उप-प्रमुख हरविंदर सिंह सोनी को दिन दिहाड़े गोली मार दी थी। इस मामले में पुलिस ने उसके अन्य साथी इंदरपाल सिंह को रेक्की करने तथा कश्मीरा सिंह को पनाह देने और गुरजीत सिंह को हत्या के लिए मोटरसाइकिल उपलब्ध करवाने के आरोप में नामज़द किया था। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों को जेल भेज दिया था। परन्तु नवंबर 2016 में आतंकी कश्मीरा सिंह नाभा जेल से आतंकी हरमिंदर मिंटू तथा विक्की गौंडर के साथ जेल ब्रेक करके भाग गया था। जो आजतक पुलिस के हाथ नहीं आया है इसका उन्हें नुकसान ये हुआ है कि सबूतों के अभाव तथा कश्मीरा सिंह द्वारा गवाही न दिए जाने के कारण इंद्रपाल सिंह तथा गुरजीत सिंह को अदालत ने निचली कोर्ट से बरी कर दिया है।
पिछले 7 वर्ष से फरार
पिछले सात साल बाद भी पुलिस कश्मीरा सिंह को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है जबकि सर्वविदित है कि वो पाकिस्तान में मौजूद है और उसके साथियों को भी पता है कि वो कहाँ पर है और कब-कब वो पंजाब में आकर फिर वापिस गया है पर पुलिस उसके साथियों से भी कड़ाई से पूछताछ नहीं कर रही है जबकि उसके साथी पुनः देश विरोधी कार्यों में लिप्त है।