वरिष्ठ पत्रकार.गुरदासपुर।
चिट्टे के नशे ने पंजाब की जवानी बरामद कर दी। इतना ही नहीं नशे की वजह से पंजाब में अपराध की संख्या में काफी इजाफा हुआ। कई युवा हत्या के शिकार हुए। ताजा मामला, पंजाब के जिला गुरदासपुर की तहसील बटाला से जुड़ा है। 32 वर्षीय संदीप नामक युवक की हत्या बेरहमी से कर दी गई। शव लंबे समय से बंद सिनेमा से बरामद हुआ। बताया जा रहा है कि मृतक नशे की आदी था। हत्या किस ने की, किस वजह से हुई, फिलहाल, पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। पुलिस जांच का विषय बता कर मामले को उलझा रही है। किसी के खिलाफ मामला दर्ज करने की पुलिस ने पुष्टि नहीं की। परिवार हत्या का मामला दर्ज करने पर अड़ गया।
जानकारी के अनुसार, पंजाब के माझा क्षेत्र बटाला में काफी संख्या में युवा चिट्टे का नशा करते है। यह बात कई बार पुलिस जांच तथा सरकारी आंकड़ों में भी साफ तौर पर पता चली। लेकिन, पुलिस अब तक नशे को समाप्त करने में एकदम नाकाम साबित रही। सूत्रों से पता चला है कि एक राजनीतिक पार्टी का बड़ा नेता खुलेआम नशे बेचने वालों को संरक्षण दे रहा है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि उक्त नेता के तस्करों के साथ करीबी संबंध है। सत्ताधारी पार्टी का अहम हाथ होने की वजह से उस पर कानून भी शिकंजा कसने से डरता है। ऐसे में कई मां का लाल चिट्टे की वजह से अपनी जान गंवा चुके है।
अब ताजा मामला सामने आने से उक्त नेता के तरफ साफ तौर पर इशारा होने लगा है कि नशे में जान गंवाने वाले युवाओं की मौत के पीछे इस नेता का हाथ है। अहम जानकारी सूत्रों से पता चली है कि उक्त नेता नशा बेचने वालों से पैसा लेता है। उन्हें पीछे से पूरा समर्थन नेता से मिल रहा है। सूत्रों से पता चला है कि जान गंवाने वाले युवक को उक्त नेता की करतूत पता चल गई थी, इसलिए किसी के इशारे पर उसकी हत्या कर दी गई। फिलहाल, पूरे मामले को लेकर पुलिस ने किसी प्रकार से कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि वह मामले को हर पहलू पर जांच कर रहे है। अगर युवक की हत्या में किसी का आरोप साबित हुआ तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई होगी। भगवंत मान सरकार ने साफ तौर पर कह रखा कि नशा बेचने वाले किसी को बख्शा नहीं जाए।
अदालत-सरकार के आदेश दरकिनार
पंजाब एवं हरियाणा उच्च-न्यायालय तथा राज्य सरकार के साफ तौर पर निर्देश है कि अगर जिस क्षेत्र में नशा बिकता है तो उस जिला का एसएसपी तथा संबंधित थाना प्रभारी होगा। मगर, यह मामला नशा तथा हत्या से जुड़ा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि पुलिस की इतनी सख्ती के बावजूद युवा के पास नशा कैसे आ गया। अगर आया तो बात साफ है कि इसके लिए पुलिस प्रमुख से लेकर थाना प्रभारी इसके लिए जिम्मेदार है। अगर , अदालत तथा सरकार के आदेश की बात की जाए तो पुलिस के खिलाफ भी मामला दर्ज होना बनता है। इससे एक बात साफ साबित हो जाती है कि सरकार तथा अदालत के आदेश को पुलिस सरेआम दरकिनार कर रही है।