डॉक्टर ने किया ऐसा काम…..सरकार से लेकर विभाग हो गया हैरान……अब होगी यह कार्रवाई

वरिष्ठ पत्रकार.लुधियाना। 

डॉक्टर द्वारा बनाए गए फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया। पता चला है कि डॉक्टर ने फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण 37 वर्ष पूर्व बनाया था। शिकायत की जांच-पड़ताल में यह सच्चाई सामने आया। सूत्रों से पता चला है कि डॉक्टर के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई हो सकती हैं। इस मामले में कौन-कौन लोग शामिल रहें, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती हैं।  इधर, कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को नियम तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिन लोगों के खिलाफ शिकायतें आईं हैं, उनके लिए गठित राज्यस्तरीय कमेटी जांच कर रही है।

विभाग के पास आई थी शिकायत


दरअसल, हरदीप कौर ने हरपाल सिंह के खिलाफ विभाग को शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था हरपाल सिंह रामगढ़िया जाति से संबंध रखते हैं जबकि उन्होंने रामदासिया अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसके आधार पर उन्होंने साल 1985-86 में सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर में एमबीबीएस में दाखिला लिया और अब बतौर प्राइवेट डॉक्टर (एनेस्थीसिया) लुधियाना में काम कर रहे हैं। राज्यस्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने विजिलेंस सेल की रिपोर्ट पर विचार करते हुए हरपाल सिंह का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र नकली होने की पुष्टि की है और रद्द करने का फैसला किया है।

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