वरिष्ठ पत्रकार . अमृतसर।
पाकिस्तान वैश्विक मंच पर चाहे अपनी मेहमानवाजी की परंपरा को बढ़चढ़ कर बताता हूं, लेकिन, सच्चाई, इससे हट कर बयां करती हैं। ताजा तस्वीरें पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब जाने वाले संगत की सामने आई। यहां पर श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने गए श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना पड़ रहा है। इन श्रद्धालुओं को रात भर सड़क पर गुजारनी पड़ी। भारत से जत्थे के साथ गए शिंगारा सिंह नामक सदस्य ने अपने साथ आपबीती की एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दी। मामला, देर रात्रि का बताया जा रहा हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपसी) के साथ संपर्क कर, इसका तत्काल समाधान निकालने के लिए बोला गया।
इमीग्रेशन विभाग के नजदीक रोका गया
जैसे ही श्रद्धालुओं का जत्था अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान रवाना हुआ, उन्हें पाकिस्तान स्थित वाघा सीमा पर इमीग्रेशन विभाग के नजदीक रोक दिया गया। पता चला है कि ननकाना साहिब तक भेजने के लिए ना तो ट्रेन थी और न ही बसों का प्रबंध था। ऐसे में यह सभी श्रद्धालु सड़क पर ही बैठ गए और पूरी रात जागकर काटी। समाचार लिखे जाने तक श्रद्धालु सड़क पर ही बैठे थे दूसरी तरफ गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में भी इन श्रद्धालुओं के ठहरने का प्रबंध नहीं है।
आईएसआई के इशारे पर हट्स हटाई
श्री ननकाना साहिब में वर्ष 2008 में सात करोड़ की लागत से बनाई गईं हट्स गिरा दी गई हैं। इन झोपड़ी नुमा आवासीय फाइबर हट का निर्माण देश विदेश से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए किया गया था। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर इन हट्स को गिरा दिया गया। यह घटना 16 अक्टूबर की है। जिस समय सिख समुदाय गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब साका की शताब्दी समारोह मनाने की तैयारियों में जुटा था, ठीक उसी समय आइएसआइ के इशारे पर यह कारस्तानी की गई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आइएसआइ ने यह किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया, पर ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के ठीक नजदीक बनीं इन हट्स को गिराने पर स्थानीय सिखों में भारी रोष है। इन्हीं हर्ष में श्री ननकाना साहिब के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु ठहरते थे।
वर्ष 2008-09 में हुई थी निर्मित, 10 तीर्थयात्रियों के रहने की थी व्यवस्था
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने श्री ननकाना साहिब की धार्मिक ऐतिहासिकता को देखते हुए वर्ष 2008—09 में सात करोड़ रुपये पाकिस्तानी करंसी से इन हट्स का निर्माण करवाया था। एक हट में दस तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था की गई थी।
खास बात यह है कि 8 नवंबर को श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए लाखों की तादाद में संगत गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पहुंची। ऐसे में इन हट्स को गिराने के बाद श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे यह साफ है कि पाकिस्तान सरकार सिख श्रद्धालुओं को परेशान करना चाहती है। वही एसजीपीसी की ओर से भी श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था नहीं की गई। इस बात का भी श्रद्धालुओं में आक्रोश है।