एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/चंडीगढ़।
पिछले कुछ समय की काली कमाई से इकट्ठा की गई बेनामी संपत्ति का पूर्व उप-मुख्यमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश सोनी से सतर्कता विभाग (विजिलेंस ब्यूरो) ने हिसाब मांग लिया। इस बात की पुष्टि विभाग के विश्वसनीय सूत्रों ने की। उन्होंने बताया कि जांच -पड़ताल में सामने आया कि सोनी की वर्ष 2007-2022 तक आय में काफी इजाफा हुआ। एक प्रकार से इस प्रकार की आय के माध्यम से बेनामी संपत्ति बनाई गई। पता चला है कि सोनी को विभाग द्वारा नोटिस भी जारी किया कि वह जांच का हिस्सा बनें। फिलहाल, सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में सोनी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती हैं। लेकिन, विभाग ने इस मामले में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की। उधर, सोनी ने कहा कि उनके ध्यान में इस प्रकार का कोई मामला नहीं हैं।
शुक्रवार की सुबह मीडिया के घरानों में हलचल तब पैदा हो गई, जब चर्चा छिड़ी कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी को विजिलेंस ब्यूरो ने बेनामी संपत्ति के मामले में तलब कर लिया। उन्हें अमृतसर विजिलेंस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने का आदेश जारी किया। फिलहाल, इस मामले को लेकर सोनी ने अपनी कोई खास प्रतिक्रिया जारी नहीं की। इतना, जरूर कहा कि उन्हें इस मामले के बारे कुछ नहीं पता हैं। कोई नोटिस तथा किसी प्रकार से समन नहीं मिला। अपनी सरकार में हमेशा ही ईमानदारी से काम किया। कानूनी प्रक्रिया में हमेशा से ही उन्हें विश्वास रहा हैं।
सैनिटाइजर घोटाला में आया था नाम सामने
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार दौरान पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी का नाम सैनिटाइजर घोटाला में काफी उछला था। उनके खिलाफ प्रमाण भी सामने आए थे। कई बार कमेटी गठित की गई, लेकिन, उन्हें हर बार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने क्लीन चिट देकर पाक साफ साबित कर दिया। गौरतलब है कि विपक्ष में आप पार्टी के विधायकों ने भी यह मुद्दा काफी गर्मजोशी से उठाया था। चर्चा, इस बात की भी छिड़ी थी कि जिस कंपनी से सरकार ने सैनिटाइजर तथा चिकित्सकों की कोविड़-19 के दौरान इलाज में इस्तेमाल होने वाली ड्रेस खरीदी थी। वह कंपनी पूर्व उप-मुख्यमंत्री के खास रिश्तेदार की थी।
सर्किट हाउस पटा भूमि की जांच आरंभ
सूत्रों से पता चला है कि पिछली सरकार दौरान सर्किट हाउस की पटा (लीज) को लेकर भी बड़े घोटाला का अंदेशा जताया जा रहा हैं। इस मामले में करोड़ों का घोटाला होने की बात विजिलेंस जांच-पड़ताल में सामने आ रही हैं। सूत्रों से पता चला है कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री का नाम भी इस घोटाले में जुड़ रहा हैं। फिलहाल, किसी अधिकारी ने कोई अधिकारिक पुष्टि तो नहीं की। लेकिन, संकेत इस तरह के जरुर मिल रहे हैं।
गिरफ्तारी की लटकी तलवार
सोनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक चुकी हैं। चाहे वह इस मामले में अपना कोई भी लेनदेन नहीं होने की बात कह रहे हैं। लेकिन, सतर्कता विभाग, इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं। उसने अपनी जांच-पड़ताल अंतिम चरण तक समाप्त कर ली। सूत्रों से इस बात का भी पता चला कि एक रिपोर्ट सतर्कता विभाग मुख्यालय तथा दूसरी मुख्यमंत्री कार्यालय के टेबल तक पहुंची चुकी हैं। इससे एक बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोनी की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।