बेशर्म पाकिस्तान…नहीं बाज आ रहा बलूचों पर अत्याचार करने से , अब शिक्षा संस्थान को बना रहा निशाना, आग के हवाले करने वालों के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई, विरोध में हजारों की संख्या में उतरे छात्र

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर /चंडीगढ़। 

बलूचों पर अत्याचार तथा उन पर हिंसा करने के आरोप में पाकिस्तान वैश्विक मंच पर कई बार पीट चुका हैं। इसके बावजूद अपने व्यवहार में जरा सा भी सुधार नहीं कर रहा हैं। ताजा मामला पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक स्कूल की इमारत को कुछ अज्ञात लोगों ने पिछले दिनों आग के हवाले करने का सामने आया। इस घटना के रोष-स्वरूप  बलूच स्टूडेंट्स एक्शन कमेटी (तुरबत जोन)  द्वारा पाकिस्तान की सड़कों पर एक विशाल जुलूस निकाला। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। घटनाक्रम की वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं। भारत में भी इस घटनाक्रम को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया तथा संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

क्या था पूरा प्रकरण, जानिए, इस रिपोर्ट में….?

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 10 दिसंबर को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा स्थानीय स्कूल में आग लगा दी गई। स्कूल की इमारत तथा फर्नीचर को काफी नुकसान पहुंचा। इस वारदात को स्थानीय लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस ने अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। स्थानीय छात्रों तथा शिक्षा के समर्थकों में सरकार एवं पुलिस के खिलाफ काफी रोष हैं। वह वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान पर इस मामले को दबाने के आरोप लग रहे हैं। 

विरोध मार्च निकाला

इस घटना के बाद बलूच स्टूडेंट्स एक्शन कमेटी (तुरबत जोन) द्वारा अट्टा शाद डिग्री कालेज से शहीद फिदा चौक तक विरोध मार्च निकाला गया। विरोध रैली में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। बैनर और तख्तियां लेकर, प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा संस्थानों की रक्षा करने और दोषियों को सलाखों के पीछे डालने में देरी के खिलाफ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में स्कूलों को लगातार जलाने की घटना को सरकारों द्वारा बलूच युवाओं को शिक्षा से दूर रखने की साजिश करार दिया। 

जर्जर स्थिति में शिक्षा व्यवस्था

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बलूचिस्तान में शिक्षा व्यवस्था और ढांचा पहले से ही जर्जर स्थिति में है। यहां कुछ ही स्कूल शेष हैं ,जहां स्थानीय बच्चे शिक्षा प्राप्त करने जाते थे और अब उन्हें भी एक संगठित साजिश के तहत जला दिया गया है। शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चों के पास कोई विकल्प शेष नहीं हैं। सरकार की दमनकारी नीतियों ने शिक्षा का बलूच में बेड़ागर्क कर दिया।

कब-कब शिक्षण संस्थानों को किया आग के हवाले…यह है विस्तार के साथ पूरी रिपोर्ट

विगत छह सप्ताह में बलूचिस्तान में 4 स्कूल जलाए जा चुके हैं। 5 नवंबर को पासनी जिले में एक सरकारी महिला स्कूल, 21 अक्टूबर को बलूचिस्तान के केच जिले के कुलकशां हाई स्कूल, 16 अक्टूबर को केच जिले के बुलेदा उल नूर में एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल, 4 नवंबर में वनदर इलाके के सोनमियानी में एक निजी शिक्षण संस्थान द सिटीजन फाउंडेशन को भी अज्ञात व्यक्ति ने जला दिया था।

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