अमृतसर न्यूज़—पढ़ने-लिखने की आयु में किशोर ने नशे की तस्करी में रख दिया पांव………..75 करोड़ की खेप, साढ़े 8 लाख ड्रग मनी सहित गिरफ्तार, सरगना फरार 

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर चंडीगढ़।

पंजाब में अब नशा तस्करी में किशोर करने लग पड़े हैं। ताजा मामला पंजाब के जिला अमृतसर, ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हैं। एक किशोर ने पढ़ाई-लिखाई करने की आयु में ही नशे की तस्करी में पांव रख दिया। बताया जा रहा है कि विशेष सूचना के आधार पर काउंटर इंटेलिजेंस (विशेष) टीम ने गांव माहल के पास एक किशोर को गिरफ्तार किया। सूत्रों से पता चला है कि पकड़ा गया तस्कर पढ़ाई भी कर रहा हैं। फिलहाल, इस बात की पुष्टि, किसी अधिकारी ने नहीं की। कथित अपराधी से 75 करोड़ की हेरोइन ( 15 किलोग्राम), साढ़े 8 लाख ड्रग मनी बरामद हुई। कथित अपराधी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के अधीन मामला दर्ज कर लिया गया। सरगना रेशम सिंह फरार बताया जा रहा हैं। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जा रही हैं। 

काउंटर इंटेलिजेंस के प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें एक इनपुट खास स्रोत से हासिल हुई थी। नगर के माहल गांव में एक किशोर तस्कर काफी सक्रिय हो चुके हैं। उसने भारत-पाक सीमा के पास से भारी मात्रा में हेरोइन लाकर किसी गुप्त स्थान पर रखी हैं। टीम ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। उन्हें जानकारी हासिल हुई कि तस्कर गांव माहल से जाने वाला हैं। टीम ने नाका लगाकर उसे हिरासत में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने खुलासा किया कि उसके पास 15 किलोग्राम हेरोइन तथा ड्रग मनी हैं। जिसे उसने गुप्त जगह पर छिपा रखा हैं। 

टीम ने तस्कर की निशानदेही पर हेरोइन एवं ड्रग मनी साढ़े आठ लाख बरामद कर लिया गया। टीम ने किशोर तस्कर से पूछताछ दौरान जानकारी हासिल की तो उसने बताया कि उसका आका रेशम सिंह है, जिसके इशारे पर यह काम किया। टीम ने रेशम सिंह के संबंधित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। दावा किया जा रहा है कि किसी भी समय रेशम की गिरफ्तारी हो सकती हैं। 

किशोर बन रहे तस्करों के निशाना

पुलिस या खुफिया विभाग को किसी प्रकार से शक न हों, इसलिए अब तस्करों ने किशोरों को इस धंधे में लगाना शुरु कर दिया। सूत्रों से , इस बात की जानकारी हासिल हुई है कि किशोरों को तस्कर पैसे का मोटा लालच देते है फिर, उन्हें तस्करी के धंधे में डाल देते हैं। उन्हें खेप को कहां तथा किन-किन जगह पर ठिकाने लगाना है, इस बारे पूरी तरह परिक्षित किया जाता हैं।  पुलिस तथा एजेंसियों के लिए एक प्रकार से अब यह तरीका चुनौती बनकर सामने आया। 

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