वरिष्ठ पत्रकार.फरीदकोट।
फरीदकोट के 20 लाख रिश्वत वसूलने के मामले में नया मोड़ आया है। यह रिश्वत फरीदकोट के आईजी प्रदीप कुमार यादव के नाम पर ही नहीं, बल्कि उनकी सहमति व मिलीभगत से ही वसूली गई है।
बात यहीं खत्म नहीं हुई, जब मामले में डीआईजी फिरोजपुर की जांच रिपोर्ट के बाद फरीदकोट के तत्कालीन एसपी, डीएसपी व एसआई समेत दो निजी लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो शिकायतकर्ता को 20 लाख की जगह 40 लाख वापस देकर समझौता करने की भी कोशिश की गई, लेकिन मामला सिरे नहीं चढ़ सका। यह भी दावा किया जा रहा है कि समझौते के लिए दिए जाने वाले 40 लाख में से 20 लाख आईजी प्रदीप कुमार यादव देने को तैयार थे, जबकि 10 लाख एसपी गगनेश कुमार व 5 लाख डीएसपी सुशील कुमार को देने थे।
ऐसे हुआ खुलासा
यह सारे खुलासे रिश्वत प्रकरण में नामजद गौशाला बीड़ सिखांवाला के प्रमुख महंत मलकीत दास ने सोमवार को सीजेएम की अदालत में दर्ज करवाए बयान में किए हैं। यहां के गांव कोट सुखिया के साढ़े तीन साल पुराने बाबा दयाल दास हत्याकांड में क्लीन चिट हासिल करने वाले मुख्य आरोपी गांव कपूरे (मोगा) के जरनैल दास को दोबारा केस में नामजद करने के लिए केस की जांच कर रहे फरीदकोट के एसपी गगनेश कुमार की अगुवाई वाली एसआईटी ने शिकायतकर्ता बाबा गगन दास से तत्कालीन आईजी फरीदकोट प्रदीप कुमार यादव के नाम पर 50 लाख की रिश्वत मांगी और 35 लाख में सौदा कर 20 लाख वसूली की।
आरोपी एसआई खेमचंद पराशर को भेजा जेल
रिश्वत प्रकरण में विजिलेंस के पास रिमांड पर चल रहे आईजी दफ्तर में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर खेमचंद पराशर को सीजेएम की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। विजिलेंस ने आरोपी को दो बार अदालत में पेश कर क्रमवार 1 दिन 2 दिन के रिमांड पर लिया था और सोमवार को रिमांड खत्म होने से उसे अदालत में पेश किया।