वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
सुरक्षा एजेंसियां ने नया चक्रव्यूह रचा है। दरअसल, सरहदी एरिया में सीमा पार से आने वाली नशे की खेप तथा हथियार की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अहम कदम उठाया गया। अब सीसीटीवी कैमरे हर समय तस्करों व ड्रोन की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। सीमावर्ती एरिया के जिन-जिन रास्तों को तस्कर ढाल बनाते रहे हैं अब वहां पर पुलिस उनका डटकर मुकाबला करेगी। इस बात की पुष्टि, सेना से जुड़े एक अधिकारिक प्रवक्ता से हासिल हुई।
प्राथमिक तौर पर जहां पर लगेंगे कैमरा
प्राथमिक चरण में सीमांत क्षेत्र तरनतारन चयनित किया गया। 86 सीमावर्ती स्थल पर कैमरे लगेंगे। इसके साथ-साथ सीमावर्ती एरिया के मैप बनेंगे। इनमें उस एरिया के सभी 11, 22 और 44 फुट के रास्तों का जिक्र होगा। जमीन अधिकृत करने की प्रक्रिया आखिरी चरण में पहुंच गई है। माह के अंत में प्रक्रिया पूरी की जाएगी। डीजीपी गौरव यादव साफ कह चुके हैं कि नशा तस्करी को हर हाल में खत्म किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने लोगों से भी सहयोग की अपील की है।
पाकिस्तान से लगती है 557 किलोमीटर सीमा
सूबे की 557 किलोमीटर सीमा पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगती है। इस सीमा के साथ पंजाब के छह जिले तरनतारन, अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का और फिरोजपुर लगते हैं। इनमें 27 प्वाइंट ऐसे हैं, जो ड्रोन के जरिये हथियार और नशा तस्करी का गेटवे बन गए हैं। तरनतारन जिला काफी समय से तस्करों का सबसे अहम है। ड्रोन के लिए अलावा थाने पर आरपीजी हमला हुआ था।
ऐसे में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां काफी समय से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही थीं। इस काम के लिए अब बॉर्डर जिलों में जिला स्तर पर अधिकारियों की समितियां गठित की गई हैं। इन इलाकों में गाड़ियों व कैमरों के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। सभी जिलों में कैमरों के लिए जगह की निशानदेही की जा रही है।