
वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
भारत के तमाम एजेंटों की ग्रेडिंग कनाडा सरकार करने जा रही है। नए बदलाव में फैसला लिया गया कि जो स्टडी इमिग्रेशन कंपनी ईमानदारी से अच्छा काम करेगी, उनको शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा और ऐसे संस्थानों के विद्यार्थियों को जल्दी वीजा दिया जाएगा। ऐसा होने से विद्यार्थियों को कतार के आखिर में नहीं खड़ा होने पड़ेगा। यह फैसला कनाडा सरकार ने इसलिए लिया है क्योंकि भारत में एजेंटों ने फर्जीवाड़ा शुरू कर कॉलेजों के फर्जी लेटर तैयार करना शुरू कर दिए थे।
सत्यापित किया जाएगा परमिट
नए वीजा नियमों के तहत, कनाडा में किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अध्ययन परमिट जारी करने से पहले प्रवेश पत्र को उस कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित किया जाएगा। वहां से सत्यापन के बाद ही छात्रों को स्टडी वीजा जारी किया जाएगा।
कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि कई बार तो छात्रों को भी इस धोखाधड़ी के बारे में पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हम भी छात्रों की मदद करेंगे।
103 मामले फर्जी
आईआरसीटीसी ने पहले ही फर्जी एडमिट कार्ड वाले 1500 से अधिक छात्र वीजा आवेदनों की पहचान कर ली है। इसमें से 450 छात्र फर्जी एडमिट कार्ड के सहारे किसी तरह कनाडा पहुंच गए। इनमें से 263 मामलों की जांच की जा रही है, जिनमें से 63 मामले असली और 103 मामले फर्जी पाए गए हैं। इनमें से करीब 25 मामले पंजाब के छात्रों से भी जुड़े हैं। अब फर्जी छात्रों को डिपोर्ट किया जाएगा।