वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली।
इन दिनों भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर विदेश दौरे पर हैं। वह 5 दिनों के लिए रूस गए हैं। वहां पर उन्होंने भारतीय समुदायों के लोगों से भी बातचीत की। साथ ही अपने रूसी समकक्ष विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान आर्थिक, राजनीतिक, संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर वार्ता में चर्चा की गई। इसी बीच, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को मेड इन इंडिया के तहत सैन्य उत्पादों का उत्पादन करने की भारत की पहल का समर्थन करने की इच्छा जताई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारे के तहत चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मार्ग की स्थापना पर भी जोर दिया गया है।
जयशंकर के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि हमने आधुनिक हथियारों के संयुक्त उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की, जिसमें सैन्य और तकनीकी सहयोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस क्षेत्र को लेकर एक खास हुनर हैं। दोनों देशों का सहयोग रणनीति प्रकृति की है।
उन्होंने कहा कि आप सभी को पता है कि भारतीय सहयोगियों की उनके सैन्य और तकनीकी संबंधों में विविधता लाने के इच्छा का सम्मान करते हैं। इसलिए हम मेड इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सैन्य उत्पादों का उत्पादन करने का समर्थन करते हैं। बैठक में हमने ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने की अपनी आकांक्षा की पुष्टि की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस संबंध बेहद प्रगाढ़ हैं। ये रिश्ते रणनीतिक अभिसरण, भू-राजनीतिक हितों पर आधारित हैं। ब्रिक्स सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के संबंध में राजनीतिक सहयोग पर चर्चा करने का समय हैं। हमने मौजूदा दोनों देशों के तथ्य की सराहना की। भारत और रूस ने पिछले वर्ष 50 अरब डॉलर का कारोबार किया है। उम्मीद है कि अगले साल यह आंकड़ा भी हम पार कर लेंगे।