वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पार्टी एकजुट हो चुकी हैं। वरिष्ठ नेता, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जबकि, प्रभारी तथा केंद्रीय नेतृत्व नवजोत सिंह के साथ खड़ा हैं। मंगलवार को पंजाब कांग्रेस समिति के प्रभारी देवेंद्र यादव चंडीगढ़ पहुंचे थे। उनके स्वागत में कई वरिष्ठ नेता गायब रहे। पूछने पर उन्होंने उनका बचाव किया तथा निजी कारणों का हवाला दिया। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सीनियर कांग्रेसी नेताओं के साथ यादव की इस बैठक में अधिकांश नेताओं ने खुलकर मांग उठाई कि नवजोत सिद्धू को पार्टी से निकाला जाए। नेताओं ने सिद्धू की पार्टी लाइन से अलग गतिविधियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए यादव को बताया गया कि पिछले विधानसभा चुनाव में सिद्धू भी हार का मुख्य कारण रहे थे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- मेरे सिद्धू से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें पहले पार्टी की बात करनी चाहिए। अगर घर में अनुशासन न हो तो घर नहीं चलता, पार्टी कैसे चल सकती है?’ रंधावा ने कहा- ‘मैं भी राजस्थान का इंचार्ज रह चुका हूं और मुझे यह पता था कि वहां जाकर सबसे पहले मुझे पार्टी में अनुशासनहीनता व धड़ा बंदी को खत्म करना है। पार्टी विरोधी गतिविधियों को खत्म करना जरूरी है।’
प्रदेश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि अगर कोई पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम चलाता है तो अध्यक्ष के तौर पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर कोई पार्टी में रहकर पार्टी को कमजोर करने या अनुशासन तोड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।
देवेंद्र यादव नवजोत सिद्धू से पार्टी लाइन से अलग रैलियां करने बारे पूछे गए सवाल को यह कहकर टाल गए कि ‘मैं पार्टी नेतृत्व से बात करने आया हूं। जब यह मामला मेरे पास पहुंचेगा, तब इस पर बात करेंगे।’