वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
शंभू सरहद पर किसान तथा पुलिस की बीच कोई तनाव नहीं रहा। किसानों के भारत बंद के समर्थन में लोगों ने पूरा सहयोग दिया। व्यापारिक प्रतिष्ठान से लेकर निजी बसों का चक्का पूर्ण रूप से जाम रहा। घरों से लोग काफी कम संख्या में दिखाई दिए। पेट्रोल पंप बंद के साथ-साथ प्रदेश के सभी टोल-प्लाजा को किसानों ने फ्री कर दिया। बताया जा रहा है कि इससे सरकारी खजाना को आर्थिक रूप से काफी संख्या में नुकसान हुआ। फिलहाल, इसका अभी तक कोई आकलन नहीं किया गया। खबरें यह भी आई कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ उपद्रवियों ने शांतमय आंदोलन के माहौल को खराब करने का पूरा प्रयास किया गया।

उधर, बड़े किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र के साथ बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि यह (केंद्र और किसानों के बीच) आखिरी बैठक है। वे चाहते हैं कि हम कहें कि हमने बातचीत खत्म कर दी। सरकार कहेगी कि वे बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं लेकिन किसान भाग नहीं ले रहे हैं। हम केवल किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कुछ दिनों का समय मांगा है। इस बीच, हमारा विरोध जारी रहेगा। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखपाल खैरा ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाया कि अगर इन मुद्दों को वार्ता से हल किया जाना था तो उन्होंने इसके लिए किसानों को पहले क्यों नहीं बुलाया। 3 साल क्यों बर्बाद किए।

पंजाब कांग्रेस ने चंडीगढ़ में किया प्रदर्शन
पंजाब कांग्रेस ने भारत बंद के दौरान चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया। पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नेतृत्व में नेताओं ने हरियाणा भाजपा के कार्यालय के सामने नारे लगाए। इसके बाद पुलिस उन्हें वहां से उठाकर ले गई। इस दौरान बीएसएफ की एक टुकड़ी भी मौके पर तैनात रही।
देर रात बढ़ गया था तनाव
देर रात शंभू बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया था। कुछ निहंग घग्गर के पुल पर बैरिकेड के पास जाकर पुलिसकर्मियों को ललकारने लगे। जब वे समझाने पर नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट का प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। निहंग सिख की पीठ में रबड़ की गोली लगी है। वह अस्पताल में उपचाराधीन है।