इम्तियाज राशिद कुरैशी/जसमीत कौर/लाहौर।
भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता में अहम रोल निभाया। स्वतंत्रता की खातिर अपनी कुर्बानी दे डाली। यह बात बिल्कुल नहीं भूलनी चाहिए कि उनके प्रशंसक भारत ही नहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी काफी संख्या में है। उनके नाम पर ( भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन) इम्तियाज रशीद कुरेशी चला रहे है। वह इस संस्था के संचालक हैं। लाहौर में स्थित शादमान चौक का नाम बदलकर शहीद भगत के नाम पर रखने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय में केस लड़ा। लंबी लड़ाई के उपरांत उन्हें जीत हासिल हुई। अदालत ने शहीद भगत सिंह चौक रखने का तत्काल फैसला सुनाया। 6 वर्ष बीत गए, लेकिन नाम नहीं बदला गया। अब फिर अदालत के फैसले के तौहीन करने के मामले में एक याचिका दायर की। अदालत ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए सरकार तथा प्रशासन को 4 मार्च को तलब कर लिया।

कुरैशी के मुताबिक, शहीद भगत सिंह भारत ही नहीं पाकिस्तान के भी हीरो थे। उन्होंने लाहौर में अंग्रेजों के खिलाफ जंग जारी रखी। कई बार जेल गए। उनका पुराना वास्ता पाकिस्तान से भी है। उनकी संस्था भगत सिंह के हक के लिए लड़ाई लड़ रही। इतना ही नहीं, शहीद भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन संस्था देश में कई अच्छे कार्य कर रही है। समाज से संबंधित कार्य इस संस्था का प्राथमिकता उद्देश्य है। हर प्रांत में काफी संख्या में लोग उनके साथ जुड़े है। उनकी पहले से ही कोशिश थी कि लाहौर में उनके नाम पर एक चौक का नाम रखा जाया। इसलिए, पूरा करने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायालय का सहारा लिया। अदालत ने हर पहलू पर इस मसले को लेकर गंभीर विचार किया तथा वर्ष 2018 में स्थानीय सरकार से लेकर प्रशासन को भगत सिंह चौक रखने का आदेश दिया।

6 वर्ष तक उन्हें हर जगह झूठा दिलासा ही मिला। सरकार से लेकर प्रशासन ने इस मसले को काफी हल्के में लिया। मामला, देश के शहीद भगत सिंह से जुड़ा था, इसलिए, अपने प्रयास को जारी रखा। अब फिर से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की अवमानना करने पर उन्होंने दोबारा एक याचिका अदालत में दायर की। याचिका में सरकार तथा प्रशासन की ढीली प्रणाली का हवाला दिया। अदालत के जस्टिस ने इस याचिका पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने अगली सुनवाई पर सरकार तथा प्रशासन के बड़े अधिकारियों को तलब कर लिया। 5 मार्च सोमवार को इन्हें पेश होना होगा।