वरिष्ठ पत्रकार.पटियाला।
जहरीली शराब बेचने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पटियाला निवासी हरमनप्रीत सिंह ने पहले जनता का दिल जीता, फिर उनके करोड़ों रुपए की चपत लगा दी। इस बात का खुलासा एक जांच-पड़ताल रिपोर्ट में हुआ। पता चला कि वर्ष 2022 में जेल से जमानत पर बाहर आया। तब से लेकर अब तक जहरीली शराब बेचने के अवैध धंधे से जुड़ा रहा। इस गोरखधंधे से करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन चुका है। पुलिस उसकी संपत्ति को साथ में अटैच कर सकती है। परिवार में बूढ़ी मां तथा एक बेटा होने की बात सामने आई। किन-किन लोगों के साथ मास्टरमाइंड के तार जुड़े है, उसके बारे पता लगाने में जांच टीम जुटी है। पुलिस किसी अपराधी को इस मामले के साथ जुड़े होने में छोड़ नहीं सकती है। क्योंकि, जहरीली शराब में मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग ने इस मामले में पंजाब पुलिस निदेशक से लेकर राज्य प्रमुख सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांग ली।
खुलासा हुआ है कि मास्टरमाइंड जहरीली शराब का हरमनदीप सिंह जिला पटियाला में रहता था। जनता का विश्वास जीतने में कामयाबी मिली तो इसे सहकारी संस्था का प्रमुख बना दिया। वहां पर जनता से करोड़ों रुपए ले लिए। जनता ने पैसा मांगा तो देने से साफ इंकार कर दिया। उल्टा बोला कि पैसा अदालत में लौटाएंगा। जनता के बीच इसका विश्वास टूट गया। इस मामले में लोगों ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस जांच पड़ताल में उसके खिलाफ ठोस सबूत हासिल हुए। जिससे पता चला है कि उसने जनता के साथ करोड़ों की ठगी की। मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। वर्ष 2022 में अदालत से जमानत मिल गई। बाहर आने के उपरांत जहरीली शराब बनाने का धंधा आरंभ कर दिया। सूत्रों से पता चला है कि इसके आबकारी विभाग से लेकर पुलिस के कई अधिकारियों के साथ अच्छा संपर्क था। खूब सारी मोटी रकम उन्हें हफ्ता के तौर पर देता रहा। जिस वजह से वह कानून से बचा रहा।
पता चला है कि शराब में काफी घटिया तथा खतरनाक किस्म का माल डाला जाता रहा है। जिसका असर सेवन करने वालों पर काफी प्रतिकूल असर पड़ता है। जांच की परतें इस मामले से यू-यू खुल रही है तो पता चला है कि कई लोग इसी शराब के सेवन करने से कई बीमारियों के शिकार पहले से हो चुके है। लेकिन, तब मामले को समय के साथ दबा दिया गया। उधर पता चला है कि इस केस की जांच राज्य से लेकर केंद्रीय कमेटियां करने में जुट चुकी है। इनके हाथ कई प्रकार के सबूत लगे है जो यह साबित करते है कि तार पंजाब में नहीं, कई राज्यों के साथ जुड़े है। पुलिस ने अलग-अलग जांच टीम को इस केस पर काम करने के लिए बोल दिया। आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
…..कैसी है यह शराब, 10 रु में मिल जाती है आसान
पता चला है कि यह जहरीली शराब की कीमत सिर्फ 10 रुपए तय थी। कोई भी इसे आसानी से खरीद लेता रहा। अधिकतर यह शराब की बिक्री जिला संगरूर (सीएम गृह जिला) तथा मानसा में होती रही। हैरान करने वाली बात है कि यह बोतल पैक होती रही। किसी को शक नहीं होता रहा कि यह नकली या फिर जहरीली शराब है। अब तक मरने वालों संख्या 22 पार कर चुकी है। कुछ की घर पर जबकि, अन्य की अस्पताल में इलाज दौरान मृत्यु हुई।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
सारे प्रकरण को लेकर पुलिस तथा आबकारी विभाग पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है। आम जनता का कहना है कि पुलिस तथा प्रशासन के पास कई बार शिकायत दी गई। किसी ने कुछ नहीं किया। आरोप लगाए कि कई बार उन्होंने देखा कि पुलिस मुलाजिम शराब बेचने वालों से रिश्वत लेते दिखाई दिए। अगर पूर्व में हरसंभव कदम उठाया जाता तो शायद किसी बेगुनाह की जान ही नहीं जाती। लेकिन, ऐसा बिल्कुल नहीं किया गया। जिन-जिन ने दम तोड़ा, उस घर में पिछले चार दिन से चूल्हा नहीं चल रहा है। परिवार मातम में डूब चुके है। इंसाफ के लिए गुहार लगा रहे है।
शर्म की बात..आप ने एक बार नहीं दिया कोई बयान
आम आदमी पार्टी अपने संयोजक को बचाने के लिए कई प्रकार के तरीके से जोर लगा रही। अदालत से लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रही है। लेकिन, कितने शर्म की बात है कि आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर कोई बड़ा बयान देने या फिर पीड़ित परिवार के समक्ष संवेदना जताने की बिल्कुल भी जहमत तक नहीं की। आम-जनता का सरकार के प्रति काफी रोष पाया जा रहा है। खासकर, पीड़ित परिवार ने तो इस पूरे प्रकरण के पीछे आप सरकार को ही जिम्मेदार ठहराना शुरु कर दिया। पीड़ित परिवार काफी गरीब शैली से है। उनके लिए राजनीति पार्टियों तथा कई संगठनों ने आर्थिक मदद की सरकार से गुहार लगाई।