PUNJAB—बाणी का राह दिखाने वाली इस संस्था पर लगा संगीन आरोप..नशा छोड़ने वालों की खुराक में डाल दिया जाता नशा, इस गुरु सिख की बिगड़ी हालत

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर। 

नशे की बुराई छोड़ कर सिखी की राह पर चलने वाले के साथ सरासर धोखा हुआ। धोखा करने वाले और कोई नहीं बल्कि, नशा छोड़ने का दावा करने वाली एक संस्था है। संस्था का कार्यालय , पंजाब के लुधियाना के एक शहर में स्थापित है। विज्ञापन के माध्यम से उन परिवारों से धोखा किया जा रहा है, जिनके बच्चे नशे की दलदल में फंस चुके है तथा नशा छुड़ाने के लिए पवित्र बाणी का हवाला अपने जाल में फंसाया जा रहा है। असल में नशा छुड़ाने वाले युवाओं को खाना में भंग जैसा नशा मिलाकर दिया जा रहा है। इस बात का खुलासा अमृतसर की रहने वाली समाजसेवी महिला अमनदीप कौर ने अपनी दी गई शिकायत में किया। मामला, लुधियाना जिलाधीश, सिविल सर्जन तथा पुलिस मुख्यालय पहुंच चुका है। हर विभाग ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरु कर दी। उधर, नशा छुड़ाने वाले केंद्र ने बिल्कुल चुप्पी साध ली। पता चला है कि इस संस्था ने अपना प्रचार देश ही नहीं विदेश में भी किया। 

पीड़ित परिवार की महिला ने बताया कि वह पेशे से समाजसेवी है। बेटा उसका इकलौता है। बेटा नशे की लत को दरकिनार करते हुए कुछ समय पहले गुरु सिख बन गया। पास में रहने वाले कुछ नशेड़ी युवकों ने बेटे को अज्ञात जगह ले गए तथा नशे का टीका लगा दिया। हालत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर गई। वहां पर किसी जानकार ने उन्हें बताया कि लुधियाना के एक शहर में नशा छुड़ाने का एक केंद्र चल रहा है। वह लोग गुरु की बाणी से ही युवाओं को नशा छुड़वा देते है। खुराक काफी अच्छे देते है। मन में प्रण कर लिया कि बेटे का नशा छुड़ाकर उसे गुरु की राह पर दोबारा से लाना है।  

वह लुधियाना उस नशा छुड़ाओं केंद्र जनवरी माह में चली गई। उसकी मुलाकात केंद्र के संचालक से हुई। उन्होंने भरोसा दिया कि आपके बेटे का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जल्द ही वह नशा छोड़ देगा। गुरु की बाणी के साथ जोड़ा जाएगा। खुराक भी अच्छी दी जाएगी। बातें सुनकर  उन पर भरोसा किया। बेटा वहां रहने लग पड़ा। 15 दिन तक बेटे से फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई। फोन करने पर उसे टालमटोल किया जाता रहा। शक हुआ तो मार्च माह में वह बेटे से मुलाकात करने के लिए केंद्र चली गई। वहां देख बेटा जोर जोर से चिल्लाने लगा कि मां मुझे वहां से ले जाए प्लीज, क्योंकि, खाना में नशा डालकर दिया जाता है। नशे की वजह से सारा दिन नींद आती रहती है। कोई सुध बुध नहीं रहती है। विरोध करने पर मारपीट की जाती है। खाने में सिर्फ रोटी एकदम पापड़ की तरह होती है। जो कि खाई भी नहीं जाती। 

अमनदीप कौर ने बताया कि प्रबंधन कमेटी से बात की तो उन्होंने कहा कि आपका बेटा हमें तंग करता है कोई बात नहीं हमारी नहीं मानता है, इसलिए हम इसे जहां पर रखने वाले नहीं है। कृपया, आप जहां से तत्काल ले जाए। घर वापस लौटने पर उसे दिमाग के विशेषज्ञ को दिखाया तो उसने सारे टेस्ट किए तो पता चला कि नशा छुड़ाओ केंद्र में रहने से उसकी तबीयत बिगड़ी है। बेटा पूरी होश में नहीं है। पल-पल में वह बेहोश हो जाता है। उन्होंने सीएम से लेकर लुधियाना प्रशासन से इंसाफ की मांग करते कहा कि इस केंद्र के खिलाफ कानूनी तौर पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। 

उधर, प्रशासन के हर अधिकारी से इस मामले को लेकर संपर्क किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। 

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