AMRITSAR REPORT….शायद, यहां पर ध्यान नहीं निगम TEAM का….बीच सड़क गंदे पानी में तैर रहे मवेशी, पूछा जाए, क्या ये हाल है SMART-CITY AMRITSAR का……। 

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स्पेशल रिपोर्ट परवीन सहगल.अमृतसर।

विश्व के पटल पर अलग पहचान रखने वाला अमृतसर इन दिनों गंदगी की वजह से खूब चर्चा में है। जगह-जगह कूड़े के डम्प से उठने वाली दुर्गंध ने सैलानियों से लेकर आम-जनता का जीना मुहाल कर रखा है। इन सबके पीछे नगर-निगम अमृतसर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन, अब तक किसी बड़े अधिकारी ने इस मसले को लेकर अपना अधिकारिक बयान जारी नहीं किया। ताजा, मामला, अमृतसर की पुरानी सब्जी मंडी में स्थित सड़क के साथ जुड़ा है। गंदे पानी में मवेशी तैर रहे आम दिखाई दे रहे है, जबकि, निगम की टीम का इस तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या ये अमृतसर की स्मार्ट सिटी है। 

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गुरुओं की धरती अमृतसर का इतिहास काफी पुराना है। श्री हरमंदिर साहिब, श्री दुर्ग्याणा तीर्थ स्थल, भारत-पाकिस्तान की सीमा (वाघा) शहर की अलग ही पहचान है। प्रतिदिन 1 लाख पार सैलानी यहां पर आते है। खास बात, इन सभी जगहों के लिए जाने का रास्ता पुरानी सब्जी मंडी से निकलता है। हर किसी का ध्यान इस तरफ जाता है। कई सैलानी तो इन तस्वीरों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करते हुए साफ दिखाई देते है। स्वाभाविक है कि सैलानी इन तस्वीरों को अलग-अलग जगह शेयर भी करते है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमृतसर की सुंदरता पर कई सवाल भी खड़े होते होंगे। लेकिन, हैरान करने वाली बात है कि निगम को यह तस्वीरें शायद नजर ही नहीं आ रही है या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। 

आस पास के लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र काफी लंबे समय से गंदगी का गढ़ बन चुका है। कई बार निगम को लिखित शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन, वे लोग उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं देते है। अब तो हम लोग थक कर चुप बैठ चुके है। अब शेष विकल्प मीडिया ही है। हमें उम्मीद है कि खबर प्रकाशित होने से निगम टीम इसका निवारण कर देगी। उन्होंने बताया कि मवेशी आवारा नहीं है, बल्कि, पास में  स्थित गौशाला से  इन्हें बाहर निकाल दिया गया। कहीं न कहीं इस समस्या के पीछे गौशाला प्रबंधन भी जिम्मेदार है। स्थानीय लोगों ने मांग की कि जो-जो लोग इसके लिए जिम्मेदार है, उन सबके खिलाफ कानूनी तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

बड़ा सवाल, खामोश मेयर साहब कहां पर हैं

यहां पर एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि अमृतसर के महापौर साहब (मेयर) कहां पर है, क्या वे खामोश होकर बैठे है। यहां पर उन्हें समस्या बिल्कुल दिखाई ही नहीं दे रही है। या फिर देखने के बावजूद खामोश होकर बैठे है। बड़े-बड़े मंच पर अक्सर मेयर को इस बात का दावा करते सुना गया कि शहर को साफ-सुथरा बना दिया गया है। अब तो कहीं भी गंदगी का नामोनिशान नहीं रहा है। शायद, मेयर साहिब को यहां पर लाकर इन परिस्थितियों के बारे अवगत कराने की अति आवश्यकता है।  फिर, उन्हें मालूम होगा कि ये हाल स्मार्ट सिटी अमृतसर की असल परिस्थितियों का है। 

लंबे समय से खड़ा है पानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से यहां पर पानी खड़ा है। बरसात के दिनों में तो यह छप्पर का रूप धारण कर लेता है। कई बार आम-जनता को इसमें गिरते हुए देखा गया। कई लोग तो चोटिल भी हुए। इन सबके बावजूद कोई हल नहीं निकाला गया। पता चला है कि यहां पर अवैध निजी बसों का स्टैंड भी चल रहा है। प्रतिमाह लाखों-करोड़ों की सरकारी खजाने को चपत लग रही है। 

यह रास्ता ट्रैफिक नियंत्रण का महत्वपूर्ण राह

विशेषज्ञों का मानना है कि भंडारी पुल की ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए एक प्रोजेक्ट के तहत सड़क का निर्माण किया गया था। इस रास्ते से आम-जनता तथा दो पहिया-चार पहिया वाहन चालकों को काफी राहत मिली थी। भंडारी पुल पर ट्रैफिक काफी संख्या में नियंत्रित हो गई थी। लेकिन, पिछले एक वर्ष से इस सड़क का रास्ता टूट गया तथा वहां पर गंदा पानी यू का यू खड़ा है। प्रशासन तथा निगम की तरफ से उस रास्ते की बिल्कुल सुध तक नहीं ली गई। जानकारों का मानना है कि यह रास्ता ट्रैफिक नियंत्रण का एक प्रकार से महत्वपूर्ण राह कहलाया जाता है। 

….एक जमाने में थी सब्जी मंडी

एक समय इस सड़क पर सब्जी मंडी हुआ करती थी। तब ट्रैफिक ने विकराल समस्या का रूप धारण कर लिया। मामला, तत्कालीन प्रदेश सरकार के पास पहुंचा तो यहां से मंडी को बंद कर दिया गया तथा नई सब्जी मंडी वल्ला में चली गई। तब , सरकार ने एक नया प्रोजेक्ट बनाया कि  यहां पर एक सड़क का निर्माण होगा। जो सीधा हाल-बाजार को साथ जुड़ेगी। प्राथमिक समय लोगों ने इसका खूब फायदा उठाया, लेकिन, यहां सड़क के बीच के हिस्सा टूटने की वजह से बड़ा गड्ढ़ा बन गया। उसे समय पर ठीक नहीं किया गया। अब वहां पर बरसात के गंदे पानी की वजह से छप्पर बन चुका है। 

व्यापारिक दृष्टिकोण से भी हो रहा नुकसान

इस रोड पर सफर करने वालों की संख्या प्रतिदिन हजारों के हिसाब से है। ये रास्ता तय करने वाले कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों से जुड़े हैं। इतना ही नहीं, उनके ग्राहक जल्द उन तक पहुंचने के लिए इस रास्ते को बेहतर विकल्प मानते है। जबकि, अबकी ताजा परिस्थितियों ने माहौल को एकदम बिगाड़ कर रख दिया है। अब मजबूरी वंश उन्हें अन्य रास्ते का विकल्प ढूंढना पड़ता है जोकि काफी भीड़भाड़ वाला रास्ता है। उनके मुताबिक, अब उनका सफर भी लंबा हो जाता है तथा समय की भी बर्बादी होती है। इससे उनका नुकसान हो रहा है। सरकार से लेकर प्रशासन को इस बारे गहनता से सोचना चाहिए। 

रास्ता चौड़ा करने का भी विकल्प

इस रास्ते का निर्माण करने वाली एक कंपनी के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस रास्ते के साथ काफी जगह खाली है। समय आने पर इस सड़क को चौड़ा करने का भी विकल्प है। लेकिन, इसके लिए प्राथमिकता संबंधित विभाग तथा सरकार को करने की आवश्यकता है। उनके समय सड़क को काफी मजबूती से तैयार किया गया था। सड़क के बीच गड्ढे के लिए उन्होंने निगम को जिम्मेदार ठहराते कहा कि उनके आदेश की वजह से ये स्थिति पैदा हुई। अगर सरकार, उन्हें आज आदेश जारी करें कि सड़क का पुनर्निर्माण करना है तो वह उसके लिए सदैव तैयार बैठे है।   

जानिए, कैसे निकल सकता है निवारण

विशेषज्ञों की एक टीम ने अपने सर्वे में बताया है कि निगम तथा अन्य विभाग के सहयोग से इस विकराल रुपी समस्या का निवारण निकाला जा सकता है। पहले इस पर एक रोड मैप तैयार किया जाए, उसके बाद हर कार्य पूर्ण मापदंड से हों तो समझ लीजिए इस समस्या का हल काफी आसान तरीके से निकल सकता है। दबी जुबान में एक जानकार ने बताया कि जब तक भ्रष्टाचार नहीं खत्म हो जाता है तब तक इस पर काम होना भी इतना आसान नहीं होगा। इसका संकेत विभाग के उन भ्रष्ट अधिकारियों की तरफ था जो लोग इन परिस्थितियों के लिए रौड़ा बनते है। 

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