अमेरिकी जनरल मार्क माइली ने अफगानिस्तान में अमेरिका के अभियान को एक रणनीतिक हार क्यों बताया, जानिए, इस खबर में……?

एसएनई न्यूज़.वाशिंगटन।

अमेरिकी जनरल मार्क माइली ने  20 सालों तक अफगानिस्तान में चले अमेरिका के अभियान को एक रणनीतिक हार बताया है। अमेरिकी कांग्रेस के सामने मंगलवार को बयान देते हुए जनरल माइली ने बताया कि वो अफगान में कुछ हजार अमेरिकी सैनिकों को रखने के पक्ष में थे, ताकि अफगानिस्तान की अमेरिका समर्थित सरकार को तालिबान के हाथों हारने से बचाया जा सके।

जो बाइडन ने झूठ बोला


सीनेट के सैन्य समिति के रिपब्लिकन सांसदों ने जनरल माइली के बयान को आधार बनाते हुए राष्ट्रपति बाइडन के उस बयान को झूठा करार दिया,जिसमें उन्होने यह कहा था कि किसी भी सैन्य अधिकारी ने उन्हें अफगानिस्तान में सेना को रखने की सलाह नहीं दी थी। इस बीच जनरल माइली ने यह बताने से मना कर दिया कि पिछले साल उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के तालिबान के साथ हुए समझौते के साथ आगे बढ़ने के बारे में क्या सलाह दी थी। 
ट्रंप प्रशासन ने तालिबान से समझौता किया था कि मई 2021 तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान की जमीन छोड़ देंगे। इसके साथ ही 2001 से चल रहे युद्ध का अंत हो जाएगा। जनरल माइली के साथ साथ अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने भी बाइडन को दिए सलाह के बारे में खुलासा करने से इंकार कर दिया। माइली ने कहा कि यह उनकी निजी राय थी की अफगानिस्तान को तालिबान के हाथों में जाने से बचाने के लिए  कम से कम 2500 सैनिकों को रहने देना चाहिए।

दूसरे जनरल भी रखना चाहते थे सेना


जनरल फ्रैंक मैकेंजी जो अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के प्रमुख थे, उन्होंने बताया कि वो भी जनरल माइली की इस बात से सहमत थे की काबुल की सरकार को बचाए रखने के लिए कुछ अमरीकी सैनिकों का वहां रहना जरूरी था।  मैकेंजी ने कहा- मेरी सलाह थी की हमें अफगानिस्तान में 2500 के लगभग सैनिकों को रखना चाहिए। 2020 में भी मैने सलाह दी थी की कम से कम 4500 सैनिकों को रखा जाए ताकि अफगानिस्तान की सेना और सरकार दोनों को बचाया जा सके

डेमोक्रेट सांसदों ने किया बाइडन का बचाव


रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और जनरल माइली को अफगान युद्ध की समीक्षा के लिए कांग्रेस के समक्ष बताया गया था।   6 घंटे तक चली सुनवाई में अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलताओं पर चर्चा की गई और बात की गई कि कैसे सालों तक चले इस अभियान में अमेरिकी करदाताओं के अरबों डॉलर बर्बाद हुए। हालांकि, कई डेमोक्रेट सांसदों ने बाइडन को अफगानिस्तान से निकलने के फैसले का समर्थन किया और रिपब्लिकन पार्टी पर पुरानी राजनीति करने का आरोप लगाया।

रिपब्लिकन सांसद टॉम कॉटन ने माइली से पूछा कि जब राष्ट्रपति ने जब उनके प्रस्ताव को ठुकराया तब उन्होने इस्तीफा क्यों नहीं दिया।इसके जवाब ने जनरल ने कहा कि जनरल होने के नाते उनका काम था राष्ट्रपति को सलाह देना। यह जरूरी नहीं कि वो यह सलाह मान ही लें।

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