AMRITSAR SPECIAL…..थम गई इंसानियत की सांसे, उजाड़ दी कई वृक्षों की जिंदगीयां, ये हाल हुआ, अमृतसर के इस रोड का…।

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अमृतसर में स्थित माल रोड क्षेत्र को अंग्रेज शासनकाल में  बसाया गया। यहां पर कई तरह के वृक्ष तथा अच्छी सड़कों का निर्माण कराया गया। इसी रोड पर सरकारी अधिकारियों से आवास से लेकर बड़े-बड़े कारोबारियों की रिहायशी क्षेत्र को स्थापित किया गया। गर्मी तथा सर्दी की ऋतु में राहत पाने के लिए वृक्षों का सहारा लेते आए, वर्तमान समय में भी ले रहे है। लेकिन, एक दिन पहले पावरकाम की गलती ने यहां पर स्थित 10 मीटर एरिया के भीतर जितने वृक्ष आते है, उन पर कुल्हाड़ी चलवा दी। हैरान करने वाली बात यह है कि इस कार्य में वन विभाग को कानो-कान खबर तक नहीं होने दी गई। अब पता चला है कि मामले ने तूल पकड़ लिया है तथा विभाग ने जांच के आदेश जारी कर सारे प्रकरण की रिपोर्ट मांग ली। बताया जा रहा है कि आरोप साबित होने पर बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वृक्षों की कटाई से इंसानियत की सांसे थम गई है, जबकि, कई पुराने वृक्षों की जिंदगियों को उजाड़ दिया गया। यह मामला अमृतसर के माल रोड पर स्थित लोक निर्माण विभाग से लेकर पुलिस आयुक्त आवास के क्षेत्र तक जुड़ा हुआ है। 

प्राचीन काल से सनातन धर्म में वृक्षों की पूजा अर्चना की परंपरा चली आ रही है। हर घर से लेकर मंदिर, रोड तक वृक्ष को अहम स्थान दिया गया। क्योंकि, यह प्राकृतिक तौर पर मनुष्यता के लिए महान देन है। हर मौसम में वृक्ष की छा कहीं न कहीं सभी को फायदा ही पहुंचता है। लेकिन, समय के हिसाब से मनुष्य से लेकर सरकार वृक्षों के प्रति इतनी गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। इसलिए, आए दिन वृक्षों की कटाई काफी तीव्र गति से देखने को मिल रही है। ऐसा नहीं, इस मामले को लेकर एनजीटी से लेकर सर्वोच्च न्यायालय राज्य सरकार कई बार लताड़ने के साथ-साथ भारी भरकम जुर्माना तक ठोक चुकी है। लेकिन, सरकार को अब तक कोई फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि, उसे मालूम पैसा तो जनता का है, यह कौन सा उनकी जेब से जा रहा है। शायद, अगर जुर्माना या फिर व्यक्तिगत सजा सत्ताधारी सरकार की पगार या फिर उनके मंत्री, विधायकों के प्रति किया जाए तो पूर्ण विश्वास से कहा जा सकता है कि दोबारा से यह गलती नहीं होगी। 

एक समय था माल रोड क्षेत्र में वृक्षों की अधिक संख्या ने वहां की सुंदरता को चार चांद लगा दिया था। सैलानियों से लेकर आम-जनता यहां से गुजरने को अपना नया अनुभव हासिल करती थी। कैमरे में तस्वीर के तौर पर कैद कर अपनी पुरानी यादों को याद किया जाता रहा है। लेकिन, वर्तमान की परिस्थितियों ने सब कुछ बदल कर रख दिया। सड़कों पर अब चंद वृक्ष ही शेष है, जिनकी छाए अब ना मात्र ही है। मौसम बदलाव में लोगों को यहां से जल्द से जल्द गुजरने की तेजी होती है। क्योंकि, उजड़ चुकी वृक्षों की जिंदगियों ने उनकी सांसों को थमा कर रख दिया है। ऊपर से अवैध अतिक्रमण भी बहुत बड़ी समस्या उबर कर सामने आई। 

….हमेशा ही पावरकाम कोई न कोई डाल देता अड़चन

लोगों की शिकायत थी कि हमेशा न हमेशा पावरकाम कोई न कोई अड़चन डाल कर रखता है। अगर इस रोड पर बिजली सप्लाई को लेकर कोई दिक्कत आ रही थी तो वृक्षों की कटाई करने का औचित्य नहीं बनता था। बड़ी बात तो यह है कि वृक्षों की कटाई करने से पहले वन-विभाग को विश्वास में ही नहीं लिया गया। इस बारे वन विभाग को शिकायत कर दी गई। उनसे मांग की गई है कि जिन्होंने वृक्षों की कटाई की है, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। नहीं तो सभी लोग प्रशासन के खिलाफ धरना देंगे। 

200 वर्ष पुराने थे वृक्ष

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यह वृक्ष कम से कम 200 वर्ष पुराने थे। 80 साल से वह लोग इस क्षेत्र में रह रहे है। उससे पहले के यह वृक्ष लगे हुए थे। धूप तथा बारिश में यहीं वृक्ष लोगों के लिए सहारा थे, अब कटाई कर हर किसी को बेसहारा कर दिया गया। कटाई के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था, लेकिन, किसी ने परवाह नहीं की। ऊपर, काम करने वाले बाबू तथा कर्मचारी अपने विभाग की धौंस जमान लगें। चेतावनी दी कि अगर काम में किसी ने विघ्न डाली तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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