लेखक विनय कोछड़.अमृतसर चंडीगढ़।
एक दिन पहले 2 विदेशी नागरिक (श्रीलंका CITIZENSHIP, युवक-युवती) का शहर से अपहरण हो गया था। उस मामले को अमृतसर की पुलिस ने 24 घंटा के भीतर ही सोल्व कर दिया। यह कमाल पुलिस ने साइबर तकनीक की मदद से किया। बताया जा रहा है कि युवक-युवती एकदम सुरक्षित है। पता चला है कि विदेश भेजने के नाम विदेशी मुद्रा भी ठग ली गई। थाना ए डिवीजन ने बीती रात्रि लगभग आधा दर्जन के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था। प्राथमिक जांच में पता चला है कि पुलिस ने 2 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि, अन्य की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम दबिश दे रही है।
पुलिस विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि मामला काफी संगीन था। ऊपर से जिनका अपहरण हुआ, वे लोग विदेशी थे। इस मामले में गृह मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप करते हुए, पंजाब के गृह मंत्रालय से वार्तालाप कर जल्द से जल्द, इस वारदात के पीछे अपराधियों को पकड़ने के लिए गुहार लगाई थी। पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर , इस मामले को लेकर बीती रात्रि सो नहीं पाए। उन्होंने एडीसीपी सहित कुछ जांबाज पुलिस अधिकारियों की एक टीम का गठन किया। फिर उसके बाद साइबर सेल की मदद से अपहरणकर्ताओं की हर गतिविधि पर नजर रखी। बताया जा रहा है कि पुलिस आयुक्त अपनी टीम की हर गतिविधि को साइबर तकनीक की मदद से देख रहे थे।
बताया जा रहा है कि अपहरण के कुछ समय उपरांत टीम को अपहरणकर्ताओं की लोकेशन का पता चल गया। सूत्रों से पता चला है कि वह पंजाब के एक हिस्से में छिप गए थे। पुलिस टीम को उनका सुराग पता लगा तो उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया। टीम ने मौके पर 2 कथित अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि, अन्य फरार होने में कामयाब रहे। जबकि, 2 विदेशी नागरिकों को उनके चुगल से सुरक्षित निकाल लिया।
…क्या था पूरा मामला, जानिए, इस खास रिपोर्ट में..?
सूत्रों से पता चला है कि विदेशी नागरिकों को एक विदेशी देश में भेजने के लिए एक एजेंट एजेंसी का दावा कर अमृतसर बुलाया गया। दोनों उनके बताए मार्ग पर बीती रात पहुंच गए। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लाखों की विदेशी मुद्रा को उनसे छीन ली गई। अपहरण करके उन्हें जबरदस्ती कार में ले जाया गया। पता चला है कि दोनों की आंखों को बंद कर दिया, ताकि उन्हें पता नहीं चल सके कि किस जगह वे लोग अपहरण कर लेकर जा रहे है। पुलिस के पास शिकायत अपहरणकर्ताओं के करीबी ने दी। उसके बाद मामला काफी गंभीर बन गया तथा पुलिस ने साइबर सेल की मदद से इनकी लोकेशन को ट्रेस कर लिया।
ऐसी टीम बनाई, जिसका रिकार्ड था एक नंबर
पुलिस विभाग के सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में पुलिस आयुक्त ने एक बहादुर तथा जांबाज अधिकारियों तथा कर्मचारियों की टीम बनाई। उन्हें तत्काल ही फोन पर सूचित कर दिया गया कि सभी पुलिस आयुक्त के पास पहुंच जाए। एक घंटा चली बैठक में टीम को हर किसी को किस तरह से काम करना है , उन्हें समझाया गया। बताया जा रहा है कि देर रात चला यह आप्रेशन सुबह तक सफल हो गया। टीम की बढ़िया कार्यप्रणाली को प्रदेश के डीजीपी ने पुलिस आयुक्त तथा टीम की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। सूत्रों से इस बात का पता चला है कि इस टीम का रिकार्ड एक नंबर का था।
छोड़ने के बदले मांगी थी मोटी रंगदारी
सूत्रों से पता चला है कि अपहरणकर्ताओं ने छोड़ने के बदले विदेशी नागरिकों के परिवारिक सदस्य से मोटी रंगदारी की मांग की थी। बताया जा रहा है कि एक अपहरणकर्ता कई भाषाओं का ज्ञान रखता है। उसने ही उनकी भाषा में बातचीत की। सूत्रों से पता चला है कि रंगदारी की मांग यूरो मुद्रा में मांगी गई। कितनी की मांग की गई, इस बारे अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया। उधर, परिवारिक सदस्यों का पता चला है कि वह भी अमृतसर पहुंच रहे है। उन्होंने पुलिस का धन्यवाद भी किया है।
संभावना—बड़े गैंग के नेटवर्क का साथ
सूत्रों से इस बात का पता चला है कि इस अपहरण में एक बड़े गैंग के नेटवर्क का साथ हो सकता है। क्योंकि, सरेआम शहर से अपहरण कर लेना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए कोई अनुभवी गैंग के सदस्यों का हाथ भी हो सकता है। फिलहाल, पुलिस ने 2 गैंग के सदस्यों को पकड़ लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। पता लगाया जा रहा है कि उनके साथ और कौन-कौन गैंग के लोग शामिल थे। फिलहाल, पुलिस इस बात का दावा कर रही है, इस केस से संबंधित कल तक बड़ा खुलासा किया जा सकता है।
एक पहलू….सीसीटीवी फुटेज भी रहा
इस केस में पुलिस को CASE सुलझाने में साइबर सेल के अलावा सीसीटीवी फुटेज ने भी खासा साथ दिया। सूत्रों से पता चला है कि पुलिस ने शहर का हर वो हिस्सा खंगला मारा, जहा-जहा से अपहरणकर्ताओं की कार निकली। इस पर अलग-अलग टीम ने काम किया। टीम ने सबसे पहले कार का नंबर पता लगाया, फिर बाद में किसके नाम थी। उसे हिरासत में लेने के बाद टीम का हाथ सीधा जाकर अपहरणकर्ता तक पहुंच गया। किसी प्रकार से मुठभेड़ होने के बारे कोई पता नहीं चला है। फिलहाल, पुलिस इस मामले को सुलझाने का 100 फीसद दावा कर रही है। बताया जा रहा है कि यह पंजाब की अमृतसर पुलिस सबसे बड़ा मामला रहा है। इसको सुलझाना कोई आसान बात नहीं थी। टीम ने 24 घंटा इस मामले पर काम किया, फिर जाकर सुलझ पाया।