WORLD—-सावधान…..यह चाइनस ‘APP’ बच्चों की जान के लिए है बड़ा खतरा…..इसके खिलाफ 7 परिवारों ने ठोका केस

वरिष्ठ पत्रकार.अंतरराष्ट्रीय डेस्क। 

फ्रांस में टिक टॉक के ऊपर केस किया हैं। यह कदम फ्रांसीसी शहर कैसिस के 7 परिवारों ने किशोरों की आत्महत्या को लेकर उठाया गया। बताया जा रहा है कि इन 7 परिवारों में से 2 के बच्चों ने आत्महत्या कर अपनी जान ले ली थी। दरअसल, 3 साल पहले 15 साल की बेटी मैरी के उसके कमरे में मृत पाए जाने के बाद स्टेफनी मिस्त्रे की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। मैरी ने आत्महत्या कर ली थी, और यह मिस्त्रे के लिए टिक टॉक के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत थी।

नुकसान पहुंचाने को सामान्य मान लिया

मिस्त्रे रोते हुए कहती हैं कि मेरी एक हंसमुख और मजाकिया लड़की थी, जो वकील बनने का सपना देखती थी। मिस्त्रे का आरोप है कि टिकटॉक ने उनकी बेटी की मौत में सबसे बड़ा योगदान दिया। उनका कहना है कि यह ऐप वास्तविकता और ऑनलाइन देखी गई चीजों में फर्क न कर पाने वाले संवेदनशील किशोरों पर गहराई तक असर डालता है। उन्होंने इसे टिक-टिक करता बम कहा, क्योंकि अपनी जान लेने से पहले, मैरी ने अपने संघर्षों को समझाने के लिए वीडियो बनाए और टिकटॉक पर मशहूर सुसाइड ब्वॉय नामक म्यूजिक ग्रुप के गाने के बोलों का इस्तेमाल किया। 

कंटेंट दिखा कमाता है पैसा

इन परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील लारे डूट्रॉन-मार्मियन कहती हैं कि टिकटॉक का एल्गोरिद्म कमजोर यूजर को निराशा के चक्र में फंसा कर मुनाफा कमाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मुकदमा टिक टॉक को जिम्मेदार ठहराने और प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा मांगने की कोशिश करता है। मिस्त्रे का मानना है कि टिकटॉक जानबूझकर बच्चों को उदासी भरे कंटेंट की आदत लगाकर पैसे कमाता है। 

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने की थी प्रतिबंध की सिफारिश

वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की कमीशन की गई चिल्ड्रन एंड स्क्रीन्स रिपोर्ट ने भी एल्गोरिद्म से जुड़ी नशे की लत पैदा करने वाली विशेषताओं पर प्रतिबंध लगाने और 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया की पहुंच को सीमित करने की सिफारिश की थी, लेकिन इन उपायों को अभी लागू नहीं किया गया है। 

भारत में है प्रतिबंधित

भारत में इस ऐप पर प्रतिबंध काफी साल पहले लगा दिया गया था। दरअसल, इस ऐप से भारतीय बच्चों के जीवन पर काफी प्रतिकूल असर हुआ था। कई बच्चों ने तो आत्महत्या कर ली थी। भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास मामला पहुंचा तो इसे काफी गंभीरता से लिया गया। तब सरकार के निर्देश पर टिक टाक तथा लगभग 100 चाइनस सोशल मीडिया ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, कई देशों में आज भी यह ऐप चल रही है। 

जांच के दायरे में चीनी एप

टिक टॉक वैश्विक स्तर पर भी जांच के दायरे में आ गया है। इसके खिलाफ दुनियाभर में इसी तरह के मुकदमे चल रहे हैं। अमेरिका में, माता-पिता ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ किशोरों की आत्महत्या सहित नुकसान पहुंचाने का आरोप के मुकदमे दायर किए हैं। वहीं,ऑस्ट्रेलिया में, 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लागू किया गया है।

टिकटॉक ने नकारे आरोप

टिकटॉक का दावा है कि उसकी गाइडलाइन्स आत्महत्या को बढ़ावा देने वाले कंटेंट पर प्रतिबंध लगाती हैं और इसके लिए उसने दुनियाभर में 40,000 सुरक्षा विशेषज्ञ नियुक्त किए हैं, जिनमें सैकड़ों फ्रेंच भाषा के मॉडरेटर हैं। कंपनी यह भी कहती है कि वह आत्महत्या से जुड़े वीडियो खोजने वाले यूजर्स को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देती है। 

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