कर्नल मामले में राज्य सरकार को फटकार……अदालत ने कहा, “आप केवल समय खरीद रहे हैं।”

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार से पूछा कि किसान आंदोलन के बहाने देरी की अवधि के दौरान कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ पर हमला मामले में कितनी एफआईआर दर्ज की गईं। अदालत ने कहा: “लोगों की पहचान कर ली गई है, लेकिन उन्हें अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?” उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा, “आप केवल समय खरीद रहे हैं।” राज्य सरकार ने 2  सप्ताह के लिए स्थगन मांगा, लेकिन न्यायालय ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह आज मामले पर फैसला करेगी।

बाठ ने 13-14 मार्च की रात को पटियाला में पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों पर उन पर और उनके बेटे पर हमला करने का आरोप लगाया। सोमवार को उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जांच को सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की।

बाठ ने जांच को सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की है। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस के अधीन निष्पक्ष जांच असंभव है। पंजाब पुलिस ने पिछले सप्ताह बाठ के बयान के आधार पर एक नई एफआईआर दर्ज की। जांच को “निष्पक्ष और त्वरित तरीके से” संचालित करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है। सभी 12 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ बड़ी सजा के लिए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। 

बाठ ने यहां उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में कहा है कि उन पर और उनके बेटे पर 13-14 मार्च की रात को पटियाला में “क्रूरतापूर्वक” हमला किया गया। उन्होंने कहा कि सेना को 15 मार्च को घटना के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकारी को सिविल अस्पताल से सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और चंडीमंदिर के कमांड अस्पताल में उनका इलाज किया गया और वर्तमान में उनकी चोटों से उबर रहे हैं। 

पंजाब पुलिस ने अपने कर्मियों की ओर से की गई अवांछनीय कार्रवाइयों पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें तत्काल निलंबित करने के साथ ही स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है। इसके बाद बाथ की शिकायत के आधार पर पटियाला के सिविल लाइन थाने में 22 मार्च को बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

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