कोरोना की फिर से बड़ी मार………बड़ी संख्या में  पंजाब के विद्यार्थी हो रहे संक्रमित…..पंजाब स्वास्थ्य विभाग की बड़ी चिंता….राज्य सरकार ले सकती है बड़ा फैसला….परिस्थितियां यू ही रही बरकरार तो शिक्षण संस्थान दोबारा से बंद करने पर हो सकता है बड़ा निर्णय

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

कुछ दिन की भीतर पंजाब में ठंड का प्रकोप बढ़ा है। पंजाब में फिर से कोरोना की मार पड़नी शुरु हो चुकी है। इसका असर पंजाब के शिक्षण संस्थानों में खासकर दिखना शुरु हो चुका है। थोड़े के भीतर ही पंजाब के कई जिला में शिक्षण संस्थान से विद्यार्थी कोविड-19 संक्रमित पाए गए। ऐसे में पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई। कयास, इस बात के लगाए जा रहे है कि राज्य सरकार , इस पर बड़ा फैसला ले सकती है। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि राज्य सरकार को दोबारा से शिक्षण संस्थान बंद करने भी बड़ा निर्णय ले सकती है।

कुछ माह पहले , पंजाब में कोविड-19 केस में काफी कमी आ गई थी। या फिर यू कह सकते है कि इसकी रफ्तार बिल्कुल थम गई थी। ऐसे में पंजाब स्वास्थ्य विभाग से लेकर पंजाब सरकार ने राहत ली थी। अब चूंकि, श्री मुक्तसर साहिब के नवोदय विद्यालय में एक साथ 13 विद्यार्थी फिर इसके बाद जिला होशियारपुर के एक सरकारी स्कूल में एकदम से 13 विद्यार्थी कोविड-19 की रिपोर्ट में संक्रमित आए। उसके बाद फिर से पंजाब सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग को दोबारा से इस महामारी के बारे सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।इस बार, उन्हें किस प्रकार से कदम उठाने चाहिए, जिससे इसकी रफ्तार पर रोक लगाई जा सके।

पता चला है कि पंजाब के जिन-जिन स्कूलों में कोविड-19 की रिपोर्ट में विद्यार्थी संक्रमित आए। वहां पर स्कूल तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्त कदम उठाते हुए स्कूल को तुरंत 10 दिन के लिए बंद कर दिया गया तथा आसपास का क्षेत्र स्वास्थ्य सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया, ताकि वहां पर फिर से कोई इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सके।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए , बच्चों को खास ध्यान रखना अति अनिवार्य है। बच्चों की इस महामारी के प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है, इसलिए इस बीमारी की चपेट में बच्चे अधिक आ सकते है।

जबकि, राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थान को इस शर्त पर खोलने के लिए कहा गया की कि वह स्कूलों में कोविड-19 के नियमों की पालना सख्त तरीके से करेंगे। जबकि, स्कूलों में भी अब बच्चे इन नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे है। मास्क नहीं डाला जा रहा है। डोज से जरुरी है, इसके नियमों की कड़ाई से पालना की जाए।

राज्य में कोरोना की स्थिति

पंजाब राज्य में कोरोना के कुल सक्रिय संक्रमित मामले लगभग 300 पार हो चुके है। इनमें अधिकतर केस बच्चों के सामने आए। चिंता का विषय है कि ज्यादा केस बच्चों के होना। ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग तथा सरकार को अगला कदम उठाने पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। शिक्षण संस्थान को दोबारा से बंद करने या फिर से तथा स्थिति चलने पर फैसला लेना सरकार के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। 

सर्दी में बढ़ जाता है कोरोना का खतरा

स्वास्थ्य संबंधी जानकारो के मुताबिक, सर्दी ऋतु में कोरोना का प्रकोप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि , ठंड में महामारी सक्रिय हो जाती है। जिन्हें दो डोज़ लग चुकी है, उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जबकि बिना डोज लिए बिना वाले व्यक्ति की कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।  इस प्रकार के लोगों में कोरोना के चपेट में आने की परिस्थितियां बढ़ जाती है।

 ….फिलहाल प्रकोशन ही बेहतर विकल्प

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना जैसी बिमारी से बचने के लिए सबसे बेहतर विकल्प प्रकोशन ही है। अगर, मुंह मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बातों को गंभीरता से अमल किया जाए तो लगता नहीं कि कोरोना की चपेट में आया जा सके। फिलहाल, हर किसी को इन नियमों का पालन कड़ाई से करना चाहिए। 

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