उप-मुख्यमंत्री सोनी के विधानसभा हलका का बुरा-हाल……..लाडले पार्षद महेश खन्ना बात करने को नहीं राजी

फोटो कैप्शन-लाचार गली की दुर्दशा दिखाते स्थानीय निवासी।

पिछले तीन वर्ष से गली मेहरिया विकास का राह ढूंढ रही……खुद की सरकार तथा पार्षद विभाग पर थोप रहे जिम्मेदारी

इलाका वासियों का  बड़ा ऐलान………..सोनी साहब, इस बार मत का नहीं करना कोई आस…. क्योंकि आपके पार्षद ने हमें बहुत सताया बार-बार

एसएनई न्यूज़.अमृतसर।

यहां के स्थानीय  लोग बड़ी शर्म महसूस करते है कि उनके क्षेत्र का विधायक प्रदेश का उप-मुख्यमंत्री ओम-प्रकाश सोनी होने के बावजूद , उनके हल्के का हाल बद से बदतर है। इतना ही नहीं, इनके लाडले पार्षद महेश खन्ना पर सरेआम स्थानीय लोग आरोप लगा रहे है कि वह  खुद को उप मुख्यमंत्री मान कर चलते है। फोन उठाने बंद कर दिए।

फोटो कैप्शन- उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी।

मसला है कि वार्ड नंबर-60 के अधीन क्षेत्र बाजार केसरिया वाला , गली मेहरिया का। ताजूब की बात तीन वर्ष से गली टूटी पड़ी है। दस्तावेज में पास हो चुकी है। लोगों को बेवकूफ बनाकर , अच्छी गली का विश्वास दिया जा रहा है। पार्षद तो साफतौर पर किसी की भी बात सुनने को राजी नहीं है। नेता जी शायद, इस बात से बेफ्रिक है कि जनता के हाथ रिमोट कंट्रोल है। चुनाव में जनता के रिमोट ने ही नेता जी की तकदीर का फैसला करना है।

फोटो कैप्शन- पार्षद विकास सोनी ।

इलाका वासियों ने अब ऐलान कर दिया है कि सोनी साहब , इस बार मत की आस तब ही रखना जब हमारा काम पूरा नहीं हो जाता है, अन्यथा मत के बारे बिल्कुल भी नहीं सोचना। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि आपके पार्षद महेश खन्ना ने हमें बहुत सताया है। लेकिन इन सताए लोगों का मत ही अब इनका गरुर तोड़ेगा।

उल्लेखनीय है, कि मेहरिया गली का इतिहास बहुत पुराना रहा है। इसे महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बसाने की बात भी सामने आ रही है। जबकि, इन नेताओं की कार्यप्रणाली ने पुरातन वजूद को समाप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। लोग, इतने बेबस तथा परेशान है कि कई बुजुर्गों की आंखों में आंसू तक आ रहे है। कारण, अपनी गली की दुदर्शा तथा हालत को देखकर भीतर ही भीतर परेशान है।

मगर, शर्म की बात यह नेता लोग कितने पत्थर दिल है कि उन्हें इस जनता का बिल्कुल ध्यान नहीं है। शायद वह सोच रहे है कि जनता है कोई बात नहीं थोड़ी देर तक शोर मचाएंगी, बाद में खुद शांत हो जाएंगा। 

इस बेबस जनता में जसबीर सिंह, मोंटू सुदेश जैसी निडर महिलाओं ने भी दृढ़ संकल्प कर लिया है कि वह अपनी सच्चाई की जीत को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष की लड़ाई को इऩ खामोश नेताओं के खिलाफ जारी रखेगी। उन्हें अहसास करा कर ही दम लेंगे कि जनता की मांग को कैसे पूरा किया जाता है।

अब चर्चा, इस बात की जारी है कि नेता जी बोल रहे है कि विभाग के पास मामला पड़ा है। वहां से क्लीयर होगा आगे जाकर विकास कार्य शुरू होगा। मगर, सवाल इस बात का भी है सरकार तथा विभाग तो नेता जी की सरकार के भीतर है। अब जनता को लॉलीपॉप क्यों दिखाया जा रहा है।  

गंदा पेय….पीने योग्य नहीं

स्थानीय लोगों ने अपना दर्द साझा करते कहा कि हम लोगों को गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। इतना ही नहीं, बारिश में सीवरेज का पानी नल में आता है। कई बार पार्षद से लेकर उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के आवास तक अपनी समस्या को पहुंचाया। किसी ने इस बारे कोई सुध नहीं ली । यहीं लोग मत लेने के लिए उनके पास हाथ जोड़कर खड़े होते रहे है। अब काम की बात पर अपना मुंह फेर रहे है। इस बार चुनाव में स्थानीय लोगों ने अपने नेता को सबक सिखाने का भी पूरा-पूरा मन बना लिया। अगर ऐसा संभव होता है तो ओम प्रकाश सोनी के गढ़ को बढ़ा धक्का लग सकता है। 

घातक बीमारियों के फैलने की आशंका

क्षेत्र में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि गंदी गलियों तथा सीवरेज की समस्या को लेकर घातक बीमारियों फैलने की आशंका जताई जा रही है। कुछ दिन के भीतर कई लोग बीमार भी हो चुके है। हलका बुखार के बाद एक दम हालत खराब हो गई। दो तीन को तो अस्पताल में दाखिल कराने की भी नौबत आ चुकी है। फिलहाल , यहां के स्थानीय निवासी काफी सहमे हुए है। अपनी बेबसता दिखाते कहा कि वे सब आर्थिक रूप से कमजोर है। अगर , कोई चिंताजनक बीमारी फैल जाती है तो उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे का साधन भी नहीं है। 

भ्रष्टाचार का अंदेशा

स्थानीय इलाका वासियों तथा जांच-पड़ताल में जो तथ्य सामने आ रहे है , उससे एक बात सामने निकल कर आ रही है कि इस गली को जानबूझकर नहीं बनाया जा रहा है। पता चला है कि दस्तावेज में फंड तथा गली के निर्माण का काम पूरा करने का मसौदा तैयार किया गया।

जबकि, लोग अब भी उस टूटी गली में रहने के लिए मजबूर है। बार-बार लोगों की फरियाद तथा मीडिया द्वारा इस मसले को उठाने के बावजूद कुछ नहीं किया जा रहा है। इससे साफ साबित हो जाता है कि दाल में कुछ काला है। अंदेशा इस बात का भी है, इन तथ्यों को छिपाने में पूरे पूरे प्रयास किए जा रहे है, ताकि कोई उन पर उंगल नहीं खड़ी कर सके। कुल मिलाकर यह एक प्रकार से जांच का बहुत बड़ा विषय है। पड़ताल में सब कुछ स्पष्ट हो सकता है। 

कुछ अनसुलझे सवाल…..जानने के लिए बहुत आवश्यकत

1. गली को इतने लंबे समय से तोड़ कर रख दिया गया। इसका निर्माण क्यों नहीं किया गया। इसके पीछे क्या कारण है, जिसे नेता जी बताने में संकोच कर रहे है। बचाव के लिए विभाग पर जिम्मेदारी सौंप रहे है।  

2. सवाल-अगर आप सच में ही ठीक है तो सच्चाई है तो लोगों के समक्ष पेश होकर उन्हें संतुष्ट क्यों नहीं करा देते, कौन से कारण है कि गली के विकास में आड़ा आ रहे है। इन सब के बारे जानकारी होनी की बहुत आवश्यकता है। 

3. इसका मतलब , आप चुनाव आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहे है, ताकि आपको लोगों के सवाल का जवाब देने का अवसर मिल सकें। जबकि यह उनके लिए सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि जनता लड़ सकती, बल्कि अपने मत का इस्तेमाल कर नेता को करारा जवाब दे सकती है। 

 फोटो कैप्शन-वार्ड संख्या-60 के कांग्रेसी पार्षद महेश खन्ना।

इन नेताओं से सवाल….जनता का मत क्यों भुला रहे आप

एसएनई न्यूज़ प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी, पार्षद भतीजा विकास सोनी, वार्ड संख्या-60 के पार्षद महेश खन्ना जैसे बड़े नेताओं से सवाल पूछ रही है कि आप लोग जनता प्रतिनिधि है। जनता के मत ने ही आपको सत्ता की कुर्सी पर बैठाया। फिर, आप जनता की सबसे जायज मांग को पूरा करने में क्यों इतनी असमर्थता दिखा रहे है।

लोगों को आप पर मान तथा काफी बड़ी-बड़ी अपेक्षा है कि उनके नेता जी उनके उज्जवल भविष्य तथा विकास में प्रगति की राह पर कोई विघ्न नहीं डालते अपने वादों पर खरा उतरेंगे। जबकि, ऐसा कुछ साफ नहीं दिखाई दे रहा है।

हमारी सलाह है कि चुनाव सिर पर है तो जनता के विकास कार्य को पूरा कर दीजिए, अन्यथा इस जनता का फैसला आपके बड़े किले को झट में ध्वस्त करने में जरा सी भी देरी नहीं लगाएगा।  

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