सिद्धू-चन्नी की सीएम चेहरे को लेकर बयानबाजी चुनाव में डूब सकती कांग्रेस की नैया

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

थोड़ी देर तक सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस समाप्त होने जा रहा है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लुधियाना में पंजाब सीएम चेहरा घोषित करने जा रहे है। चन्नी का नाम लगभग तय है, जबकि सिद्धू अपना नाम का दावा ठोक कर हर किसी को चौका रहें है। सिद्धू चाहते है कि उन्हें पंजाब सीएम चेहरा घोषित किया जाए, जबकि हाईकमान ने चन्नी का नाम लगभग तय करके , सिद्धू के लिए कोई अवसर नहीं छोड़ा है। वैसे चर्चा , इस बात की चल रही है कि ढाई-ढाई वर्ष के लिए दोनों को सीएम का अवसर मिल सकता है।  फिलहाल, चर्चा इस बात की चल रही है कि दोनों ही सीएम चेहरे की कुर्सी को लेकर अपना-अपना दावा ठोक रहे है। बयानबाजी में सिद्धू सबसे अधिक आक्रामक भी दिखाई दे रहे है। उन्होंने तो इस मामले को लेकर कुछ दिन पूर्व हाईकमान पर निशाना साध दिया था। 

इस पूरे मामले को लेकर चुनाव में कांग्रेस की नैया डूबने के आसार पूरे दिख रहे हैं। क्योंकि, जनता पार्टी के दो नेताओं की बयानबाजी को लेकर खफा भी दिखाई दे रही है। उनके मुताबिक, ये लोग अगर कुर्सी के लिए लड़ते रहेंगे तो जनता का विकास कैसे करेंगे। कैसे उनकी बात को सुनेंगे।

देखा जाए तो सिद्धू समय-समय पर कांग्रेस हाईकमान से लेकर कई कांग्रेसी वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अपना मोर्चा खोल चुके है। इतना ही नहीं सरेआम बगावत का परिचय भी दिया। इस बगावती सुर की वजह से कांग्रेस को काफी हद तक नुकसान भी उठाना पड़ा। पार्टी के कई ऐसे बड़े चेहरे है जो वर्तमान में भी सिद्धू के खिलाफ चल रहे है। उनकी शिकायत है कि वह पार्टी तथा सरकार का खुलेआम विरोध कर कहीं न कहीं कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे है। इतना ही नहीं नाराज नेताओं का एक दल कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर इस संबंध में लिखित शिकायत भी दे चुका है। फिलहाल, हाईकमान इस मामले को लेकर गंभीर तो जरुर दिख रहा है, जबकि कोई बड़ा कदम उठाने को लेकर पीछे हटता भी दिखाई दे रहा है। 

दरअसल, चुनाव का माहौल है। कांग्रेस नहीं चाहती है कोई छोटी सी चूक, उनके लिए नुकसानदायक हों। इसलिए हर कदम पर वे लोग सोच-विचार कर फैसला सुना रहे है। चन्नी को सीएम चेहरा घोषित करने की रणनीति तो कांग्रेस हाईकमान ने काफी पहले ही सोच रखी थी। इस बात के कई बार संकेत भी दे दिए गए। 

बार-बार सिद्धू का आक्रामक रुख देगा नुकसान

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक , अगर सिद्धू ने अपना आक्रमक रुख नहीं छोड़ा तो कांग्रेस को इस चुनाव में बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, हाईकमान इस विरोध की आग को ठंडा करने के लिए सत्ता में कांग्रेस के दोबारा आने पर ढाई-ढाई वर्ष सीएम फॉर्मूला अपनाना चाहती है। जबकि सिद्धू को इस फैसले पर भी आपत्ति है। क्योंकि, वह पंजाब माडल का सहारा लेकर खुद ही पंजाब सीएम चेहरा बनना चाहते है। 

मतदाता को मिल जाएगा अन्य विकल्प

इस प्रकार की बगावत तथा एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं हुई तो कांग्रेस का वोट बैंक पर काफी फर्क पड़ सकता है। कांग्रेस के खुद कैंडर वोटर अन्य पार्टी की तरफ जा सकता है। मतदाता को एक बड़ा विकल्प मिल जाएगा। कुल मिलाकर कांग्रेस को अपनी सुनिश्चित का दावा भी खोना पड़ सकता है। 

50% LikesVS
50% Dislikes